
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस महंगाई के दौर में प्रदेशवासियों पर बिजली की मंहगाई की मार झेलने पर मजबूर कर दिया है। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर बिजली की दरों में 11.69% का इजाफा किया है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की ओर से मंगलवार को नई दरों की घोषणा की गई।
यूपी में बिजली की दरों में औसत 12 से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने की संभावना थी। इससे पहले उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन ने करीब 25 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की थी। उनकी इस मांग का बड़ा विरोध होने के बाद बीच का रास्ता निकाला गया।
घरेलू सहित ज्यादातर श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली महंगी हो गई है। घरेलू उपभोगताओं के लिए 8 से 12 फीसदी हुई है। औद्योगिक श्रेणी के उपभोगताओं के लिए 5 से 10 फीसदी और शहरी कृषकों के लिए 9 फीसदी वहीं ग्रामीण कृषकों के लिए 15 फीसदी की वृद्धि हुई है। प्रीपेड मीटर वाले उपभोगताओं के लिए छूट की सीमा 1.25 फीसदी से बढ़ाकर 2 फीसदी की गई है।
बता दें, नियामक आयोग उपभोक्ताओं पर लगने वाले 4.28 फीसदी सरचार्ज को भी खत्म करने जा रहा है। इस नुकसान की भरपाई भी पॉवर कारपोरेशन टैरिफ बढ़ोतरी करके करना चाह रहा है। यह बढ़ोतरी होने से सबसे अधिक बोझ 68 लाख शहरी उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा। दो से पांच किलोवाट तक उपभोक्ताओं के प्रतिमाह बिल में औसत 100 से 300 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
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