मदरसों में धांधली को रोकने के लिए ही हमारी सरकार ने शुरुआती दौर में ही सभी मदरसों को ऑनलाइन पोर्टल पर लाकर एक बड़ा कदम उठाया था। इससे पहले भी सरकार ने मदरसों में एनसीईआरटी का पैटर्न लागू करने का बड़ा प्रयास किया, जिससे मदरसों की शिक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव आया था।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी सरकार ने मदरसा विद्यालयों में धांधली को रोकने के लिए एक और फैसला लिया है। इस बार सरकार ने सभी मदरसा शिक्षकों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर फीड कराने का निर्णय लिया है। बता दें कि कई जगहों से ये शिकायतें आ रही थीं कि एक टीचर कई मदरसों में पढ़ा रहे थे। मदरसा प्रबंधक भी मान्यता लेने के लिए दूसरे मदरसों के शिक्षकों को अपने यहां दिखा दे रहे हैं। इन तमाम गड़बड़ियों से निजात पाने के लिए सरकार यह व्यवस्था लागू की है।
यह भी जानिए
-इस समय प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे हैं, जबकि प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या 17000 के आसपास है, जिनमें प्राइवेट मदरसे भी शामिल हैं।।
-अनुदानित मदरसों में काम कर रहे तकरीबन 9000 शिक्षकों पर प्रदेश सरकार 800 करोड रुपए की धनराशि खर्च करती है।
-यूपी में 130 मिनी आईटीआई चल रहे हैं, जिनपर 20 करोड़ का खर्च आता है।
-4500 आधुनिकीकरण मदरसे हैं, जिन पर 250 करोड़ का खर्च आता है। इसमें आधा राज्य सरकार और आधा केंद्र सरकार वहन करती है।
मदरसों को लेकर लगातार उठाए जा रहे कदम
यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि सभी शिक्षकों का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर फीड करा कर सरकार पारदर्शिता की तरफ एक बड़ा कदम बढ़ा रही है। मदरसों में धांधली को रोकने के लिए ही हमारी सरकार ने शुरुआती दौर में ही सभी मदरसों को ऑनलाइन पोर्टल पर लाकर एक बड़ा कदम उठाया था। इससे पहले भी सरकार ने मदरसों में एनसीईआरटी का पैटर्न लागू करने का बड़ा प्रयास किया, जिससे मदरसों की शिक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव आया था।