तो क्या गोडसे के नाम से जाना जाएगा मेरठ? योगी सरकार ने 3 जिलों के नाम बदलने पर DM से मांगा जवाब

Published : Dec 17, 2019, 01:56 PM ISTUpdated : Dec 17, 2019, 04:00 PM IST
तो क्या गोडसे के नाम से जाना जाएगा मेरठ? योगी सरकार ने 3 जिलों के नाम बदलने पर DM से मांगा जवाब

सार

योगी सरकार के राजस्व विभाग ने मेरठ, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर के डीएम को पत्र लिख तीनों जिलों के नाम पर बदलने पर जवाब मांगा है। बता दें, मेरठ जिले का नाम बदलकर पंडित नाथूराम गोडसे रखने की मांग के बाद गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर का भी नाम बदलने के लिए कई प्रस्ताव सामने आए।

मेरठ (Uttar Pradesh). योगी सरकार के राजस्व विभाग ने मेरठ, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर के डीएम को पत्र लिख तीनों जिलों के नाम पर बदलने पर जवाब मांगा है। बता दें, मेरठ जिले का नाम बदलकर पंडित नाथूराम गोडसे रखने की मांग के बाद गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर का भी नाम बदलने के लिए कई प्रस्ताव सामने आए। जिसके बाद तीनों जिलों के डीएम को पत्र लिखा गया है। बता दें, जनसुनवाई पोर्टल पर इन जिलों के नाम बदलने को लेकर मांग और अनुरोध आए हैं। जिन्हें एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली के लिए भेजा गया है।

मुजफ्फरनगर के नए नाम का जिक्र नहीं
जानकारी के मुताबिक, राजस्व विभाग की तरफ से लिखे पत्र के अनुसार, प्रदेश सरकार के एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) में हापुड़ का नाम महंत अवैद्यनाथ नगर और गाजियाबाद का नाम महंत दिग्विजय नगर के रूप में बदलने का संदर्भ है। सूत्रों की मानें तो हापुड़ जिला प्रशासन सीएम योगी के गुरु अवैद्यनाथ के नाम पर जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव पहले ही ठुकरा चुका है। हालांकि, पत्र में मुजफ्फरनगर के लिए किस नाम की मांग की गई है, इसका उल्लेख नहीं है।

तीनों जिले के डीएम को 3 बार भेजा जा चुका है रिमाइंडर
बताया जा रहा है कि पिछले 4 महीने में तीनों डीएम को 3 बार इसको लेकर रिमाइंडर भेजा जा चुका है। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें समय सीमा के भीतर इस मामले (लोगों या संगठनों द्वारा नाम बदलने की मांग) का निस्तारण करना है। एक अधिकारी ने कहा, अगर समय सीमा के साथ इनका निपटारा नहीं करते तो ये लंबित मुद्दे बने रहेंगे। बाद में सीएम द्वारा समीक्षा बैठकों के दौरान इस पर स्पष्टीकण देना होगा। बता दें, जब भी ऐसी कोई मांग या अनुरोध होता है तो सरकार उनकी टिप्पणी के लिए जिला प्रशासन से राय मांगती है। उसके बाद सरकार ऐतिहासिक तथ्यों और अन्य विचारों के आधार पर ही निर्णय लेती है।

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