चमन को जिसने रौंद डाला पैरों से वही कर रहे दावा उनकी रहनुमाई का...जातीय सियासत पर योगी का पलटवार

सूबे में चल रही ब्राह्मण सियासत और उस पर सीएम योगी पर उठाई जा रही उंगली  पर भी योगी ने जवाब दिया वो भी शायराना अंदाज में। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2020 11:51 AM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh). यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र का समापन हो गया है। विधानसभा अनिश्चतकाल के लिए स्थगित हो गई है। शनिवार को सत्र के आखिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित किया, इस दौरान कानून व्यवस्था से लेकर तमाम मुद्दों पर विपक्ष को जवाब दिया। सूबे में चल रही ब्राह्मण सियासत और उस पर सीएम योगी पर उठाई जा रही उंगली  पर भी योगी ने जवाब दिया वो भी शायराना अंदाज में। 

संबोधन के आखिरी में सीएम योगी ने कहा कि मुझे शायरी तो नहीं आती सिर्फ श्लोक आता है। लेकिन आज मैं एक शायरी भी पढूंगा। उन्होंने कहा, "चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गई होंगी, यहीं इल्जाम लग रहा है हम पर बेवफाई का....चमन को रौंद डाला जिन्होंने अपने पैरों से, वही दावा कर रहे हैं इस चमन की रहनुमाई का। " सीएम योगी की ये शायरी तमाम विपक्षी दलों को दिया गया करारा जवाब था। 

यूपी की ब्राह्मण सियासत पर भी खूब बोले सीएम 
इससे पहले सीएम योगी ने यूपी में चल रही ब्राह्मण सियासत पर विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि फिर से समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं। जो लोग आज जातिवाद का नारा लगा रहे हैं, जब सत्ता में आते हैं तिलक और तराजू की बात कर इस समाज को बार-बार गाली देते थे। आज नए रूप से उमंग के माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। 

राम और परशुराम तात्विक रूप एक 
सीएम योगी ने कहा कि राम और परशुराम में तात्विक रूप से कोई भेद नहीं है। दोनों ही भगवान विष्णु के अवतार हैं. ये केवल बुद्धि का भेद है। जहां बुद्धि का स्तर संकीर्ण और छोटा होता है वे लोग भ्रम में पड़ते हैं। लेकिन तात्विक रूप से शास्त्र ने कोई भेद नहीं माना है। सीएम ने इस दौरन तुलसीदास द्वारा रचित धनुष प्रसंग का जिक्र किया और कहा कि अगर इन लोगों ने राम और परशुराम को समझा होता तो ऐसा नहीं करते।  दुर्भाग्य है इन लोगों का कि ये देश की खुशी के साथ खुश नहीं हो सकते। 

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