युवक मांगता रहा रहम की भीख, जमीन पर पटक कर सीने पर बैठा दारोगा, कांस्टेबल ने जूतों से दबाया पैर

Published : Sep 13, 2019, 01:59 PM ISTUpdated : Sep 13, 2019, 08:21 PM IST
युवक मांगता रहा रहम की भीख, जमीन पर पटक कर सीने पर बैठा दारोगा, कांस्टेबल ने जूतों से दबाया पैर

सार

किसी शख्स ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। एसपी डॉक्टर धर्मवीर सिंह ने बताया, वीडियो की जांच की गई।

सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश). यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवक को बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी डॉक्टर धर्मवीर सिंह ने आरोपी दरोगा व सिपाही को निलंबित करते हुए लाइन हाजिर कर दिया है। युवक की लिखित शिकायत पर दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई।

क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, मामला खेसरहा थाना क्षेत्र के सकारपारा चौकी इलाके का है। बीते 10 सितंबर को चौकी प्रभारी वीरेंद्र मिश्र व सिपाही महेंद्र प्रसाद टीम के साथ गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान अपने भतीजे के साथ सामान लेने जा रहे रिंकू को पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। आरोप है कि युवक के पास न तो गाड़ी के कागज थे और न ही उसने हेलमेट पहना था। इस पर पुलिसवालों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। हद तो तब हो गई, जब दरोगा युवक के कंधे पर बैठ गए और उसके पैरों को अपने जूतों से दबा दिया। युवक छोड़ देने की मिन्नतें करता रहा, लेकिन पुलिसवालों का दिल नहीं पसीजा। इस दौरान युवक का भतीजा डरकर इधर उधर भगता रहा। कुछ लोगों ने पुलिसवालों से अपील की कि युवक को छोड़ दें, उसके साथ में बच्चा है। लेकिन दारोगा ने उसे नहीं छोड़ा। 
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एसपी का क्या है कहना
इस बीच किसी शख्स ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। एसपी डॉक्टर धर्मवीर सिंह ने बताया, वीडियो की जांच की गई। प्राथमिक जांच में दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। जिस पर चौकी इंचार्ज वीरेन्द्र मिश्र व मुख्य आरक्षी महेन्द्र प्रसाद निलम्बित कर लाइन हाजिर कर दिया गया है।

जानें बीजेपी का क्या है कहना
यूपी बीजेपी के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने बताया, पूर्व में हुई भर्तियों में काफी सारे ऐसे लोग सरकारी सेवाओं में आ गए हैं, जोकि इसके काबिल नहीं थे। इसको लेकर हाईकोर्ट को भी ये बात कहना पड़ा था कि यूपी में भर्ती आयोग एक विशेष जाति और लोगों का आयोग बनकर रह गया है। हालांकि, प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद ऐसे लोगों में काफी कुछ सुधार हुआ। अभी भी बहुत से संकीर्ण मानसिकता वाले अयोग्य लोग सिस्टम में हैं। सिद्धार्थनगर की घटना बेहद निंदनीय है। इसको संज्ञान में लेते हुए तुरंत डीजीपी ओपी सिंह ने एसपी सिद्धार्थनगर को मामले में कार्रवाई करने को कहा। एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया। अभी उनपर विधिसंगत धाराओं में एसआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। योगी सरकार में जो भी नियम-कानून तोड़ेगा, चाहे वह सरकारी कर्मचारी-अधिकारी क्यों न हो, सभी के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

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