उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला कारागार में एक कैदी की मौत के अगले दिन सोमवार को शासन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिला कारागार में बंद विचाराधीन कैदी विजय सोनकर (38) निवासी, वार्ड नंबर चार, हनुमानगढ़ी, हर्रैया की मौत रविवार को हो गई थी। मृतक की पत्नी ने जेल प्रशासन के विरुद्ध कोतवाली थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।
बस्ती: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बस्ती जिले की जेल में बंद एक कैदी की मौत बीते रविवार को हो गई थी, जिसके बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए सोमवार को शासन की ओर से जेल प्रशासन (jail Administration) के विरुद्ध कड़ा एक्शन लिया। मामले में शासन की ओर से जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया तथा जेल प्रशासन के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि मृतक के परिजनों का पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 30 मई को पुलिस उसे घर से उठाकर ले गई थी। इसके बाद उसके विरुद्ध स्मैक, गांजा व कट्टा-कारतूस फर्जी मुकदमे लगा कर जेल भेज दिया।
जेल प्रशासन के खिलाफ हत्या का मुकदमा हुआ दर्ज
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला कारागार में एक कैदी की मौत के अगले दिन सोमवार को शासन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिला कारागार में बंद विचाराधीन कैदी विजय सोनकर (38) निवासी, वार्ड नंबर चार, हनुमानगढ़ी, हर्रैया की मौत रविवार को हो गई थी। मृतक की पत्नी ने जेल प्रशासन के विरुद्ध कोतवाली थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। इस पर कार्रवाई करते हुए जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। बस्ती के जिलाधिकारी कार्यालय ने पांडेय के निलंबन की पुष्टि कर दी है।आपको बता दें कि 30 मई को पुलिस ने मादक पदार्थ एवं अवैध हथियारों से जुड़े मामले के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
जेल प्रशासन पर आरोप है कि विजय की जेल में अत्यधिक पिटाई के कारण लगी गंभीर चोटें उसकी मौत का कारण बनीं। मृतक के परिजनों ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव से इस बारे में शिकायत कर प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी। इस सम्बंध में जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय का कहना था कि विजय सोनकर की शनिवार की रात को तबीयत बिगड़ने पर रात में ही उसे दवा दी गई थी। रविवार की सुबह जेल खुलने के वक्त विजय की तबीयत फिर से बिगड़ गयी, तब उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
पोस्टमार्टम में चोट की हुई पुष्टि
इसके साथ ही आपको बताते चलें कि मुख्य चिकित्साधिकारी स्तर से गठित चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसमें सिर, हाथ, पैर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोट की पुष्टि हुई है। कोतवाल संजय कुमार ने बातचीत में बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर जेल प्रशासन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
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