1938 में एक महिला पीसीसी अध्यक्ष बनीं। लेकिन एक महिला को केरल की पहली जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने में लगभग आधी सदी और लग गई। इतिहास के इस आश्चर्यजनक अध्याय की नायिका चुन्नगत कुन्हिकावम्मा है।
भारत जैसे पुरुष प्रधान देश में 1938 में एक ऐसी घटना घटी जिसने इतिहास के पन्नों को बदल दिया। 1938 में एक महिला पीसीसी अध्यक्ष बनीं। लेकिन एक महिला को केरल की पहली जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने में लगभग आधी सदी और लग गई। इतिहास के इस आश्चर्यजनक अध्याय की नायिका चुनानगत कुंजिकावम्मा है। 1938 में जब पद का नाम डिक्टेटर था तब वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष बनीं। केरल के पहले मुख्यमंत्री और भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के प्रमुख ईएमएस नाम्दुदरीपाद उस वर्ष सचिव चुने गए थे। यह वह समय था जब युवा वामपंथियों ने संगठनात्मक चुनावों में राज्य कांग्रेस पार्टी के अंदर रूढ़िवादी वर्ग को हराया था।