महात्मा गांधी के दांडी मार्च में एक ईसाई भी शामिल थे। इतिहास के पन्नों पर भले ही इस स्वतंत्रा सेनानी को वो तवज्जो नहीं दी गई हो लेकिन भारत इनके योगदान को कभी नहीं भुला सकता है। आजादी की लड़ाई के लिए पुलिस यातनाएं भी सहींष
वीडियो डेस्क। महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च में उनके साथ जाने वालों में एक ईसाई भी शामिल थे। वे थेवरथुंडियिल टाइटस थे। जिन्हें गांधीजी ने टीटुसजी कहकर संबोधित किया था। वे 81 सत्याग्रहियों में से एकमात्र ईसाई थे जो गांधीजी के साथ उस 386 किलोमीटर लंबे मार्ग पर चले थे। वे उन स्वंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्हें इतिहास के पन्नों पर ज्यादा तवज्जो नहीं दी गर्ई लेकिन भारत उनके योगदान को नहीं भुला सकता है। आइये आजादी के इस अमृत महोत्सव में याद करते हैं टीटुसजी के योगदान को। टीटुसजी को भी अन्य मार्च करने वालों के साथ पुलिस यातना का सामना करना पड़ा। वह आजादी की इस लड़ाई में करीब एक महीने तक यरवदा जेल में बंद रहे। टाइटस का जन्म केरल के मारमन गांव में 1905 में वर्तमान पठानमथिट्टा जिले में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था। आइये जानते हैं इनकी कहानी।