वीडियो डेस्क। भारतीय धर्मग्रथों में महाकाव्य रामायण एक अहम स्थान रखती है। जो हमें भगवान श्री राम के जीवन चरित्र एवं उनके द्वारा समाज के लिए स्थापित किए गए आदर्शों दर्शाती है। आदि काल से इस महाकाव्य की अनेक मुनि एवं विद्वानों ने अपने -अपने शब्दों में रचना की है और उनके आदर्शों को समाज में स्थापित करने का प्रयास किया है। आज हम आपको एक ऐसे छोटे बालक से मिला रहे हैं जिसने रामायण को हिन्दी भाषा में 250 छंदों में लिखा है। मध्य प्रदेश के इंदौर के अवि शर्मा ने 10 साल की छोटी उम्र में 250 छंदों में अपने शब्दों में रामायण लिखी। उन्होंने इसे "बालमुखी रामायण " का नाम दिया। उन्होंने इसे हिंदी भाषा में मधुर तरीके से लिखा था ताकि हर कोई इसे पढ़ और समझ सके। वह इस कोरोना टाइम में हताशा एवं निराश लोगों को अपनी रामायण के माध्यम से प्रेरित करना चाहते हैं। यहां तक कि श्री अरुण गोविल ने अपने फेसबुक पेज के इस पोस्ट को साझा किया और उनकी सराहना की। देखिए वीडियो
वीडियो डेस्क। भारतीय धर्मग्रथों में महाकाव्य रामायण एक अहम स्थान रखती है। जो हमें भगवान श्री राम के जीवन चरित्र एवं उनके द्वारा समाज के लिए स्थापित किए गए आदर्शों दर्शाती है। आदि काल से इस महाकाव्य की अनेक मुनि एवं विद्वानों ने अपने -अपने शब्दों में रचना की है और उनके आदर्शों को समाज में स्थापित करने का प्रयास किया है। आज हम आपको एक ऐसे छोटे बालक से मिला रहे हैं जिसने रामायण को हिन्दी भाषा में 250 छंदों में लिखा है। मध्य प्रदेश के इंदौर के अवि शर्मा ने 10 साल की छोटी उम्र में 250 छंदों में अपने शब्दों में रामायण लिखी। उन्होंने इसे "बालमुखी रामायण " का नाम दिया। उन्होंने इसे हिंदी भाषा में मधुर तरीके से लिखा था ताकि हर कोई इसे पढ़ और समझ सके। वह इस कोरोना टाइम में हताशा एवं निराश लोगों को अपनी रामायण के माध्यम से प्रेरित करना चाहते हैं। यहां तक कि श्री अरुण गोविल ने अपने फेसबुक पेज के इस पोस्ट को साझा किया और उनकी सराहना की। देखिए वीडियो