वीडियो डेस्क। स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा। लोकमान्य बाल गंगाधर का नारा आजादी की लड़ाई में हर किसी की जुबां पर था। महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें नमन कर रह है। बाल गंगाधर तिलक एक राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक और वकील थे।
वीडियो डेस्क। स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा। लोकमान्य बाल गंगाधर का नारा आजादी की लड़ाई में हर किसी की जुबां पर था। महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें नमन कर रह है। बाल गंगाधर तिलक एक राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक और वकील थे। वो अंग्रेजी शिक्षा के घोर आलोचक थे, वो मानते थे कि अंग्रेजी शिक्षा भारतीय सभ्यता का अनादर करती है। पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज की मांग उठाई। बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के कोंकण प्रदेश (रत्नागिरी) के चिखली गांव में हुआ था। 1 अगस्त, 1920 को मुंबई में बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु हुई थी। उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा और जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें भारतीय क्रान्ति का जनक कहा था।