वीडियो डेस्क। केंद्र सरकार का दावा है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई। हालांकि, केंद्र सरकार ने यह माना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की डिमांड काफी बढ़ गई थी।
वीडियो डेस्क। केंद्र सरकार का दावा है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई। हालांकि, केंद्र सरकार ने यह माना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की डिमांड काफी बढ़ गई थी। दरअसल कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने सरकार से पूछा था कि क्या यह सच है कि Covid-19 की दूसरी लहर में कई सारे कोरोना मरीज सड़क पर और अस्पताल में इसलिए मर गए क्योंकि ऑक्सीजन की किल्लत थी? इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने इस सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि 'स्वास्थ्य राज्य का विषय है। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना के दौरान हुई मौतों के बारे में सूचित करने के लिए गाइडलाइंस दिये गये थे। किसा भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है।' अब ऑक्सीजन के विवाद को लेकर पद्मश्री संजीव बगई ने अपनी राय दी है। उन्होंने कहा है कि राज्यों को कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों को जिन जिन परेशानियों का सामाना करना पड़ा उसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजे। एक कोरोना मरीज को बेड कैसे मिला, लाइन में कितना देर खड़ा रहना पड़ा, ऑक्सीजन कब मिली, कौन सी दवाएं और ड्रग्स दिए गए। मरीज से जुड़ी हर जानकारी केंद्र को भेजनी चाहिए।