कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने वक्फ कानून का विरोध करने वालों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट लोगों को तब जाना चाहिए था जब भारत आजाद हुआ था। पाकिस्तान देने के बाद भी वक्फ बोर्ड बनाकर जो इजाजत उस सरकार ने दी थी उस सरकार के खिलाफ भी कोर्ट जाना चाहिए था। वक्फ कानून का विरोध करने वालों ने यह तक कह दिया था कि पार्लियामेंट की जगह मेरी है। यह मनमानी कैसे चलेगी। यह संविधान का अपमान और हत्या नहीं है। पूरे के पूरे गांव को कह देना कि यह मेरा है यह गलत नहीं है। जब यह लोग खुद संविधान की हत्या सालों तक करते रहे तब कोर्ट की याद नहीं आई। मौजूदा सरकार ने जो इस बारे में सोचा है हम उसकी सराहना करते हैं।