
सऊदी अरब में 50 साल बाद अपना कफाला सिस्टम खत्म कर दिया है जो की बहुत ज्यादा विवादास्पद है। यह मॉडर्न डे स्लेवरी (यानी आधुनिक युग की गुलामी) के रूप में प्रसिद्ध रहा है। इस व्यवस्था के खत्म होने से वहां पर काम करने वाले 25 लाख भारतीयों के साथ अन्य 75 लाख वर्कर्स को भी बहुत फायदा होगा। इसी के साथ जो लोग भविष्य में वहां काम करने जाएंगे उन्हें भी इसका फायदा होगा। लोगों के मन में यह भी सवाल है कि कफाला सिस्टम क्या था, कफील कौन होते थे ? किस तरह से वह अपने यहां काम करने वाले लोगों का शोषण करते थे। इन तमाम सवालों का जवाब विदेशी मामलों के जानकार अभिषेक खरे के द्वारा साझा किया गया। इस कफाला सिस्टम को खत्म करने के पीछे क्या कारण है, और अब इसकी जगह जो कांटेक्ट बेस एंप्लॉयमेंट सिस्टम जो की विजन 2030 के अंतर्गत लागू किया गया है और सऊदी अरब की लेबर मिनिस्ट्री के अंतर्गत बनाया गया है उसकी जानकारी भी उन्होंने बतौर एक्सपर्ट इस वीडियो में साझा की।