जिला उन्नाव की विकासखंड गंज मुरादाबाद व बांगरमऊ क्षेत्र के लखनऊ मार्ग पर स्थित नेवलापुर गांव की गौशाला की दुर्दशा देखकर हैरत हुई। जहां लाखों रुपए खर्च कर भूसे के लिए बनाए गए गोदाम में एक चुटकी तक भूसा नहीं नजर आया। बड़ी बात यह है कि गवाहों की वजह से जमीन को चाटने पर मजबूर हैं।
यूपी के उन्नाव में एशियानेट न्यूज की टीम गायों पर टूट रहे दुखों के पहाड़ की पड़ताल के लिए निकली है। गोशालाओं की जमीनी हकीकत को जानने के लिए जिस गाय को माता का दर्जा देकर पूजा जाता है, वो भूख प्यास और तिल तिल कर क्यों मर रही हैं? देव तुल्य गाय की दुर्दशा क्यों हो रही है? इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए बांगरमऊ क्षेत्र में बनी पांच गौशालाओं की विस्तृत पड़ताल की गई।
जनपद उन्नाव की विकासखंड गंज मुरादाबाद व बांगरमऊ क्षेत्र के लखनऊ मार्ग पर स्थित नेवलापुर गांव की गौशाला की दुर्दशा देखकर हैरत हुई। जहां लाखों रुपए खर्च कर भूसे के लिए बनाए गए गोदाम में एक चुटकी तक भूसा नहीं नजर आया। बड़ी बात यह है कि गवाहों की वजह से जमीन को चाटने पर मजबूर हैं। वह बीमार पड़े गायों का उठना भी बद मुश्किल हो चुका है गौशाला में तैनात केयर टेकर गाय को मारपीट कर उठाने का प्रयास कर रहा था। फिर भी गौवंश उठने पर मजबूर था। वहीं अगर हम बात करें विकासखंड गंज मुरादाबाद क्षेत्र की तो सुल्तानपुर ग्राम सभा में बनेगा गौशाला शराफत वह स्थान ग्राम सभा समेत भगवंतपुर गोटपाली गौशाला में गौवंशो की दुर्दशा देखकर कैसे ग्राम प्रधान और सचिव मुंह फेर लेते हैं। यह किसी से छिपा नहीं है। गौशाला में बीमार पड़ी गाय को उठाकर गौशाला से बाहर फेंक दिया जाता है जहां वह घुट घुट कर दम तोड़ती है। कई गौशालाओं के बाहर गवाहों के कंकाल पढ़े हुए मिले जहां आवारा कुत्तों का जमावड़ा दिखा। ऐसे में योगी सरकार लाखों खर्च कर गौशालाओं की देखरेख कर रही है ।तो वहीं ग्राम प्रधान सचिव मिलकर गौशालाओं में आने वाले पैसे को डकार रहे हैं। स्थिति सुधारने के लिए उप जिलाधिकारी उदित नारायण सिंगर लगातार गौशालाओं का निरीक्षण कर रहे हैं ।फिर भी अधिकारियों कर्मचारियों में कोई भय नहीं।