काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मंगलवार को पीएचडी में एडमिशन के लिए एक छात्र ने हंगामा कर दिया। छात्र का आरोप है कि उसे जानबूझ कर पीएचडी में एडमीशन नहीं दिया जा रहा है, जब की उसका रिटेन एग्जाम क्वालिफाईड है। आरोप लगाया कि मानसिक उत्पीड़न कर धमकी दी जा रही कि बात न मानने पर सभी डिग्रियों को फर्जी करार कर दिया जाएगा।
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मंगलवार को पीएचडी में एडमिशन के लिए एक छात्र ने हंगामा कर दिया। छात्र का आरोप है कि उसे जानबूझ कर पीएचडी में एडमीशन नहीं दिया जा रहा है, जब की उसका रिटेन एग्जाम क्वालिफाईड है। आरोप लगाया कि मानसिक उत्पीड़न कर धमकी दी जा रही कि बात न मानने पर सभी डिग्रियों को फर्जी करार कर दिया जाएगा। छात्र नवीन कुमार पाठक ने बताया कि उसने धर्म विज्ञान संकाय से आचार्य का कोर्स किया है। बताया कि उसने पीएचडी का रिटेन इंट्रेस भी निकाला है। आरोप लगाया कि डीन नहीं चाहते कि उसका एडमिशन पीएचडी के लिए हो। ये भी आरोप लगाया कि डीन अपने स्तर से यहां छात्रों का ए़डमिशन लेते हैं। वर्तमान डीन के अंडर में पीएचडी करने वाले छात्र सेंट्रल ऑफिस में जाकर अपना नंबर बढ़वा देते हैं।
छात्र का आरोप है कि डीन और पुलिस उस पर दबाव बना रहे हैं कि वो दोबारा उनके हिसाब से एक एप्लीकेशन बना कर दे। कहा कि मुझे जबरजस्ती प्रॉक्टोरियल बोर्ड भेजा जा रहा है। आरोप लगाया कि 5 बार बुलाने के बाद मुझपर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है, ताकि मेरा एडमिशन न हो सके। वहीं इस संबंध में संकाय के प्रो दिक्षित से बात करने पर उन्होंने बताया कि छात्र सोमवार को उनके पास आया था और उनसे कहा था कि वो मेरे अंडर में रेगुलर पीएचडी करना चाहता है, जिसके लिए डीन ने उससे एक एप्लीकेशन मांगा था। बताया कि उन्होंने छात्र के एप्लीकेशन पर साइन भी कर दिया, क्योंकि उनके अंडर में सात सीटें पीएचडी की है। उसके बाद छात्र एप्लीकेशन फारवर्ड कराने डीन के पास गया, वहां क्या हुआ उन्हें इसकी जानकारी नहीं।