धर्म नगरी वाराणसी में आज तुलसीदास जी के जन्म उत्सव पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। बता दें कि वाराणसी में ही तुलसीदास जी ने घाट किनारे रामायण वह हनुमान चालीसा का पाठ लिखा था। जिस भाग पर उन्होंने दुनिया को रामायण का पाठ दिया, वह घाट आज उन्हीं के नाम से जाना जाता है।
वाराणसी: धर्म नगरी वाराणसी में आज तुलसीदास जी के जन्म उत्सव पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। बता दें कि वाराणसी में ही तुलसीदास जी ने घाट किनारे रामायण वह हनुमान चालीसा का पाठ लिखा था। जिस भाग पर उन्होंने दुनिया को रामायण का पाठ दिया, वह घाट आज उन्हीं के नाम से जाना जाता है। ऐसे में तुलसीदास जी के जयंती पर वाराणसी के तुलसीदास घाट पर दर्जनों की संख्या में हनुमान भक्तों ने हनुमान चालीसा कर कर के तुलसीदास जी को नमन किया बड़ी बात यह है। हनुमान चालीसा का पाठ इन लोगों द्वारा 108 बार किया गया और दुनिया में सुख शांति की प्रार्थना की गई। लगभग 400 वर्ष पहले तुलसीदास जी वाराणसी के तुलसी घाट पर ही अंतिम सांस ली थी। लेकिन उसके पहले उन्होंने रामायण देकर दुनिया को राम भक्ति की मैं बंधन में बांधा था और श्री राम की भक्ति की नई कहानी लिख दी थी।