मथुरा के जैंत थाना क्षेत्र के ग्राम छटीकरा में घरेलू विवाद के चलते गर्भवती महिला के साथ उसके देवर समेत कई लोगों ने लात घूसों से मारपीट कर डाली। मारपीट से दहशत में आई महिला न्याय के लिए थाने पहुंची। घंटों रोरोकर इंतजार के बाद भी कानून की चौखट से उसे न्याय नहीं मिला। पुलिस देख लेंगे कि बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ती रही।
मथुरा: जैंत थाना क्षेत्र के ग्राम छटीकरा में घरेलू विवाद के चलते गर्भवती महिला के साथ उसके देवर समेत कई लोगों ने लात घूसों से मारपीट कर डाली। मारपीट से दहशत में आई महिला न्याय के लिए थाने पहुंची। घंटों रोरोकर इंतजार के बाद भी कानून की चौखट से उसे न्याय नहीं मिला। पुलिस देख लेंगे कि बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ती रही।
योगी सरकार में भी महिलाओं के साथ घरेलू उत्पीड़न के मामले थम नही रहें हैं। महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए बनाई मिशन शक्ति हेल्प डेस्क भी सफेद हाथी साबित हो रही है। लगता है कानून के नुमाइंदों को योगी सरकार के आदेशों का जरा भी ख्याल नही, वरना कानून की चौखट पर फरियाद लेकर आई मारपीट का शिकार गभर्वती महिला को थाने के गेट पर शिसकना न पड़ता। दअरसल ग्राम छटीकरा निवासी संजू के अनुसार उसका पति काम पर गया था। आरोप है कि पति की गैर मौजूदगी में घरेलू विवाद को लेकर नामजद देवर और उसकी पत्नी व परिवार के कई अन्य लोगों ने गर्भवती होने के बावजूद उसके साथ लात घूंसों व थप्पड़ों से जमकर मारपीट की।
पीड़िता किसी तरह बचकर अपनी फरियाद लेकर थाने पहुंची। पीड़िता घंटों तक अपनी बच्ची को लेकर थाने के द्वार पर बैठी रही, लेकिन पुलिस का दिल नहीं पिघला। महिला ने रोरोकर अपना दुखडा सुनाया। पुलिस महिला को आश्वासन की घुट्टी देकर बहलाती रही। सवाल उठता है जब ऐसे ही छोटे-छोटे विवादों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट की घटनाएं होती रहेंगी तो क्या फायदा। सरकार द्वारा चलाई जा रही महिला सशक्तिकरण के लिए उन योजनाओं का। अब देखना होगा पीड़िता को न्याय मिल पाता है या वह न्याय ले लिए इसी तरह कानून की एक चौखट से दूसरी चौखट तक भटकती रहेगी। इस सम्बंध में थानाध्यक्ष मनोज शर्मा ने बताया कि उन्हें इस तरह के किसी मामले की कोई जानकारी नहीं है।जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई की जाएगी।