मंगलवार को अक्षय तृतीया के दिन ठा. बांकेबिहारीजी ने साल में एक ही बार मिलने वाले दुर्लभ चरण दर्शन अपने भक्तों को दिए। ठाकुर जी के चरण दर्शन करने के लिए बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा। बड़ी संख्या में देशभर से भक्त यहां ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचे।
मथुरा: मंगलवार को अक्षय तृतीया के दिन ठा. बांकेबिहारीजी ने साल में एक ही बार मिलने वाले दुर्लभ चरण दर्शन अपने भक्तों को दिए। ठाकुर जी के चरण दर्शन करने के लिए बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा। बड़ी संख्या में देशभर से भक्त यहां ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचे।
ठाकुरजी के चरणों में अपार खजाना है, मान्यता है ठाकुरजी के चरण के विलक्षण दर्शन करने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है। यही कारण है कि अक्षय तृतीया पर आराध्य के चरण दर्शन को देश दुनिया से लाखों भक्त वृंदावन में डेरा डालकर आराध्य के चरणों की एक झलक पाने को उतावले रहते हैं। ठाकुर बांकेबिहारी ने सुबह राजा के भेष में चरण दर्शन दिए। पीली पोशाक में विराजमान श्री बांके बिहारी के चरणों दर्शन कर भक्तों ने खुद को धन्य किया। मंदिर परिसर में देश विदेश से आए हुए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ दिखाई दी। ठाकुर जी के दर्शनों के लिए भक्तगण खासे उत्साहित दिखाई दिए। सुबह राजा के भेष में चरण दर्शन देने के बाद शाम को ठा. बांकेबिहारी के पूरे श्रीविग्रह पर चंदन लेपन किया जाएगा। शाम को आराध्य अपने भक्तों को सर्वांग दर्शन देंगे।
वहीं अक्षय तृतीया पर भगवान बांके बिहारी के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि भगवान के चरणों के दर्शन कर जीवन धन्य हो गया। साल में एक बार भगवान के दर्शन चरणों के खुलते हैं बड़े सौभाग्यशाली होते हैं वह लोग जिन्हें भगवान अपने चरणों के दर्शन देते हैं। मन उत्साहित है और बहुत ही आनंद की अनुभूति हो रही है ठाकुर बांके बिहारी के चरणों के दर्शन करने के बाद।