वृंदावन के संतों में मजार को लेकर भारी आक्रोश, जिला प्रशासन को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

प्रदेश में एक बार फिर योगी सरकार बनने के साथ ही अवैध कब्जों पर लगातार बुलडोजर का कहर जारी है, लेकिन मथुरा में छाता तहसील के ग्राम शाहपुर में मंदिर के गर्भगृह वाली जगह पर ही मजार बना देने और उसे न हटाने पर संतों में आक्रोश है और संतों ने ऐलान कर दिया कि यदि 15 दिन में जिला प्रशासन ने इस मामले का निपटारा नहीं किया तो वह एक बड़ी धर्म पंचायत करेंगे और मामले पर निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे।
 

मथुरा: प्रदेश में एक बार फिर योगी सरकार बनने के साथ ही अवैध कब्जों पर लगातार बुलडोजर का कहर जारी है, लेकिन मथुरा में छाता तहसील के ग्राम शाहपुर में मंदिर के गर्भगृह वाली जगह पर ही मजार बना देने और उसे न हटाने पर संतों में आक्रोश है और संतों ने ऐलान कर दिया कि यदि 15 दिन में जिला प्रशासन ने इस मामले का निपटारा नहीं किया तो वह एक बड़ी धर्म पंचायत करेंगे और मामले पर निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे। यह ऐलान वृन्दावन में धर्म रक्षा संघ के बैनर तले साधु संतों ने एक बैठक के दौरान लिया।

मथुरा के छाता तहसील के ग्राम शाहपुर की हैं। तस्वीरों में एक चबूतरे पर एक मजार भी बनी हुई भी दिखाई दे रही है। अब यह मजार ही सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए नाक का सवाल बन गयी है। इस संबंध में धर्म रक्षा संघ ने दावा किया है कि शाहपुर गाँव मे यह जमीन बांके बिहारी मंदिर शाहपुर के नाम दर्ज है। कुछ लोगो ने  2004 में मुलायम सरकार में साजिशन कब्रिस्तान में दर्ज करा दी।
छाता तहसील के शाहपुर गांव में बिहारी जी मंदिर की भूमि पर मुस्लिम समाज द्वारा अवैध कब्जा कर कब्रिस्तान बनाने पर घोर आपत्ति संत समाज ने जाहिर  करते हुए जिलाधिकारी से मुलाकात कर दर्ज करा मजार को हटाने का अनुरोध किया है वही मामले से योगी आदित्यनाथ को भी अवगत कराने की बात कही है। इस संबंध में धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि बिहारी जी मंदिर की जमीन को धोखाधड़ी से सरकारी दस्तावेजों में कब्रिस्तान की जमीन घोषित करवा कर मुस्लिम समाज ने बिहारी जी मंदिर के गर्भ गृह वाले स्थान पर एक मजार का निर्माण कर लिया है जिसे हिंदू समाज किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकता।

मंदिर मामले के मुख्य पैरोकार शाहपुर निवासी रामअवतार सिंह गुर्जर ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय को सारे साख्य मंदिर के पक्ष में दिए जा चुके हैं जिसे उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी स्वीकार किया है मगर अभी तक बिहारी जी मंदिर की जमीन को सरकारी कागजों में कब्रिस्तान की जगह मंदिर के नाम दर्ज नहीं किया गया है। उधर , धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश ने कहा कि उक्त जमीन के विषय में धर्म रक्षा संघ का प्रतिनिधिमंडल कई बार सरकारी अधिकारियों से मिलकर इस मामले को जल्दी से निपटाने का निवेदन कर चुका है मगर अधिकारियों का ध्यान इस ओर बिल्कुल नहीं है।

2004 में बिहारी जी मंदिर की भूमि सरकार द्वारा मुस्लिम समाज को देना बिल्कुल गैर कानूनी कार्य था अब जब कि सारे सबूत मंदिर के पक्ष में मिल चुके हैं तो जिलाधिकारी महोदय को तुरंत कार्यवाही कर कब्रिस्तान की जगह मंदिर का नाम सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कराना चाहिए। यदि सरकार तत्काल बिहारी जी मंदिर का नाम  सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नहीं नहीं करती तो 15 दिनों के बाद एक बड़ी धर्म पंचायत शाहपुर गांव में की जाएगी जिसमें मंदिर की भूमि पर कब्जा किए जाने के बारे में संतो द्वारा निर्णय किया जाएगा। जबकि सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड ने भी कहा है कि यह जमीन हमारे यहाँ कब्रिस्तान में दर्ज नही है ।

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