वीडियो डेस्क। प्रचंड गर्मी के बीच आपके घर की छत और टंकी में भरा पानी रात-रातभर गरम ही रह जाता है। दिन की धूप में खड़ी कार इतनी अधिक हीट हो जाती है कि एयरकंडीशन पर लोड बढ़ जाता है। वातावरण का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस हो, तो इन चीजों का तापमान 65-70 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर हो जाता है।
वीडियो डेस्क। प्रचंड गर्मी के बीच आपके घर की छत और टंकी में भरा पानी रात-रातभर गरम ही रह जाता है। दिन की धूप में खड़ी कार इतनी अधिक हीट हो जाती है कि एयरकंडीशन पर लोड बढ़ जाता है। वातावरण का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस हो, तो इन चीजों का तापमान 65-70 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर हो जाता है।इसे रोकने के लिए देश में पहली बार एक तकनीक खोजी गई है। वाराणसी के IIT-BHU स्थित मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी सतह तैयार की है, जिसके अंदर का तापमान करीब 10 कम रहेगा। यानी, मई के महीने में आपको मार्च जैसी फीलिंग होगी।इस काम के लिए न तो बिजली की जरूरत होगी और न ही पानी की। सूरज की रोशनी का 97 फीसदी हिस्सा वापस वायुमंडल के बाहर एक्जोस्फियर में परावर्तित (लौटा) कर दिया जाता है। यह सतह धूप की गर्मी को 10 फीसदी भी एब्जॉर्ब नहीं करती। इससे कमरे के अंदर का तापमान बहुत ज्यादा गर्म नहीं हो पाता।
इस सतह को कूल रेडिएटिव कोटिंग कहा जाता है। इसे पॉलिमर और नैनो पार्टिकल से तैयार किया गया है। यह सूरज की रोशनी को रिफ्लेक्ट करने के साथ ही इंफ्रारेड किरणों को भी स्पेस के बाहर कर देता है। यह इनोवेशन SERB (Science and Engineering Research Board) द्वारा दिए गए प्रतिष्ठित IMPRINT प्रोजेक्ट के तहत किया गया है।
यह IIT-BHU का एक प्रोजेक्ट रिसर्च है। जल्द ही वैज्ञानिक डॉ. सरकार प्रोजेक्ट केंद्र सरकार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को सबमिट करने वाले हैं। उसके बाद यदि सरकार चाहे तो कंपनियों से समझौता कर मार्केट में उतार सकती है।
10 फीट चौड़े और 15 फीट लंबे कमरे में इस कोटिंग को लगाने में करीब 10 हजार का खर्च आया है। यदि इसका निर्माण इंडस्ट्री लेवल पर हो, तो खर्च 6,000 रुपए तक आएगा। वहीं, पानी की टंकी में इस सतह को लगाने में करीब 5,000 रुपए खर्च हुए हैं। उद्योग के स्तर पर हो खर्च आधा हो जाएगा।