यूपी के मथुरा में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी सर्वे की मांग हुई। वहीं एक जुलाई को मनीष यादव की याचिका पर सुनवाई होगी। जिसके लिए मनीष यादव की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया।
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह को लेकर न्यायालय में श्री कृष्ण के वंशज होने का दावा करने वाले मनीष यादव ने शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया है। इस प्रार्थना पत्र में मनीष यादव ने मांग की है कि अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त कर शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी कराकर रिपोर्ट मंगाई जाए।
मनीष यादव की तरफ से कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि ईदगाह में प्राचीन शिलालेख व पौराणिक साख्य मौजूद हैं। जो ईदगाह में दबा दिए गए हैं और पौराणिक सांख्यों को अदृश्य कर दिया गया है। इस स्थिति को अदालत के समक्ष लाना आवश्यक है। किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर नियुक्त कर मौके की रिपोर्ट मंगाई जाए। प्रार्थना पत्र में मनीष यादव ने अंदेशा जताया है कि अगर कमीशन जारी नहीं किया जाता है तो प्रतिवादिगण हिन्दू निशानियों को मिटा सकते हैं। उन्होंने लिखा है कि प्रतिवादिगण वाराणसी के ज्ञानवापी केस से प्रभावित होकर साक्ष्य मिटा सकते हैं। विदित हो कि उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ही चार माह में मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार मनीष यादव ने मथुरा न्यायालय में शुक्रवार को प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट 1 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करेगा।
मनीष यादव की तरफ से दाखिल किए गए इस प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके अलावा केशव देव विराजमान मामले में वाद संख्या 950 /2020 के पक्षकार महेंद्र प्रताप व हिंदू महासभा के दिनेश कौशिक ने भी प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। मनीष यादव, महेंद्र प्रताप सिंह और दिनेश कौशिक के प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष के मामले पर आपत्ति जाहिर करने के लिए समय मांगने पर केस की सुनवाई की अगली तारीख 1 जुलाई दे दी है।