समाज के बदलते परिवेश में लुप्त हो रही मृदंग परम्परा को स्थपित करने के लिए स्वर्गीय पागल दास के स्मृति में पखावज महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दो दिवशीय आयोजन के पहले दिन उनके शिष्य विजय प्रकाश व अजय प्रकाश ने अपनी प्रस्तुति दी साथ ही देश के मुम्बई, पुणे, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों से आये कलाकारों के भी मृदंग वादन की प्रस्तुति से उत्साहित हुए।
अयोध्या: समाज के बदलते परिवेश में लुप्त हो रही मृदंग परम्परा को स्थपित करने के लिए स्वर्गीय पागल दास के स्मृति में पखावज महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दो दिवशीय आयोजन के पहले दिन उनके शिष्य विजय प्रकाश व अजय प्रकाश ने अपनी प्रस्तुति दी साथ ही देश के मुम्बई, पुणे, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों से आये कलाकारों के भी मृदंग वादन की प्रस्तुति से उत्साहित हुए।
अयोध्या में दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन
ध्या के सरयू तट स्थित राम की पैड़ी पर अयोध्या शोध संस्थान व केंद्रीय संगीत नाट्य एकेडमी के द्वारा मृदंग कला की स्थापित करने वाले डॉक्टर राम शंकर दास उर्फ पागल दास के जन्म शताब्दी दिवस के उपलक्ष्य में पखावज महोत्सव के दो दिवशीय आयोजन का उद्घाटन रामबल्हभा कुछ क्या अधिकारी राजकुमार दास के द्वारा दीप प्रजनन कर किया गया। तो वहीं मृदंग कला कलाकारों को अंगवस्त्र से सम्मानित भी किया गया। इस कार्यक्रम में अयोध्या में स्थानीय लोगो के साथ संत समाज भी शामिल हुए। तो वहीं युवाओं के लिए हार्मोनियम के साथ मृदंग का स्वर आकर्षण बना रहा।