वीडियो डेस्क। बरसाना के राधारानी मंदिर में छह माह की सेवा पूजा को लेकर एक वार पुनः विवाद शुरू हो गया है। मायादेवी पक्ष को एसडीएम के आदेश पर सेवा दिलाने गए तहसीलदार व ईइंस्पेक्टर विवाद की स्थिति देख बैरंग लौटे आए। मंदिर के गेट पर अंदर घुसने को लेकर दोनों पक्षों में जमकर धक्का मुक्की हुई।
वीडियो डेस्क। बरसाना के राधारानी मंदिर में छह माह की सेवा पूजा को लेकर एक वार पुनः विवाद शुरू हो गया है। मायादेवी पक्ष को एसडीएम के आदेश पर सेवा दिलाने गए तहसीलदार व ईइंस्पेक्टर विवाद की स्थिति देख बैरंग लौटे आए। मंदिर के गेट पर अंदर घुसने को लेकर दोनों पक्षों में जमकर धक्का मुक्की हुई। जिले के थाना बड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सुप्रसिद्ध राधारानी मंदिर पर सेवा पूजा समय समय पर बदलती रहती है, सभी सेवायतों के सेवा का समय निर्धारित है। सेवायतों के तीन थोक हैं, जो समय के साथ बारी बारी से मंन्दिर में सेवा पूजा करते हैं। यह विवाद अक्षय थोक का है। बता कि अक्षय राम थोक के हरवंश गोस्वामी की दो पत्नियां गुलाब देई व माया देवी थी। गुलाब देई और हरवंश गोस्वामी में कोर्ट में हक़ को लेकर मुकदमा चला। सन 1999 में हरवंश गोस्वामी की मृत्यु हो जाने के बाद सेवा को लेकर माया देवी व गुलाब देई में सेवा को लेकर विवाद चलता रहा। गुलाब देई की मौत हो जाने के बाद माया देवी व थोक के अन्य हिस्सेदारों में बाद विवाद होने लगा। सिविल कोर्ट छाता ने माया देवी के पक्ष में सेवा पूजा को लेकर स्टे दे दिया। उसी आदेश को एसडीएम गोवर्धन के समक्ष पेश किया गया। जिसपर एसडीएम गोवर्धन संदीप वर्मा ने माया देवी को सेवा दिलाने के लिए तहसीलदार गोवर्धन मनोज वाष्णेय व थाना प्रभारी मुकेश कुमार मलिक को आदेश पारित किया कि माया देवी को सेवा दिलाई जाए। जिसपर दोपहर में तहसीलदार मनोज वाष्णेय व इस्पेक्टर मुकेश कुमार मलिक मायादेवी को सेवा दिलाने लाड़लीजी मंदिर पहुंचे, तो वहां पहले से सेवा कर रहे रासविहारी गोस्वामी ने राजभोग आरती के बाद मंदिर के गेट यह कहते हुए बंद कर दिए कि हाई कोर्ट ने सन 2019 में माया देवी को हरवंश गोस्वामी की पत्नी नहीं माना है। उसको सेवा का कोई अधिकार नहीं है।