गरीबों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार करवाता है ये शख्स, जात-धर्म से अलग लोग दे रहे दुआएं

आज के समय में ऐसे लोग कम ही मिलते हैं जो दूसरे लोगों की मदद करने के लिए कुछ करें। फिर भी ऐसे लोग हैं जो गरीबों के लिए कुछ भी करने का हौसला रखते हैं। मलेशिया के एक ऐसे ही शख्स हैं अंकल कुआन ची हेंग। ये उन लोगों का अंतिम संस्कार करवाते हैं, जो गरीब हों। चाहे किसी भी धर्म या समुदाय का मृतक हो, अंकल कुआन उसका अच्छे से फ्यूनरल करवाते हैं।
 

हटके डेस्क। दुनिया में ऐसे दयालु लोगों की कमी नहीं है जो गरीब लोगों की मदद करने को हमेशा तैयार रहते हैं, जबकि ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा नहीं है। कम ही लोग हैं जो दूसरों के लिए मुसीबत उठाने को तैयार होते हैं। मलेशिया के एक ऐसे ही शख्स हैं अंकल कुआन ची हेंग। ये उन लोगों का अंतिम संस्कार करवाते हैं, जो गरीब हों। चाहे किसी भी धर्म या समुदाय का मृतक हो, अंकल कुआन उसका अच्छे से फ्यूनरल करवाते हैं। हाल ही में एक गांव से एक बीमार बच्चे का इलाज करवाने के लिए उसके मां-बाप सेरदांग हॉस्पिटल आए। बच्चे को दिल की बीमारी थी। बच्चे के मां-बाप के पास ज्यादा पैसे नहीं थे। बावजूद लंबी दूरी तय कर वे उसका इलाज करवाने आए थे। दुर्भाग्य से इलाज के बावजूद बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। सबसे दुख की बात तो यह थी कि उसके इलाज में ही उनके सारे पैसे खर्च हो गए और वे उसका अंतिम संस्कार भी कर पाने में असमर्थ थे।

वापस लौटने के भी नहीं थे पैसे
मृतक बच्चे के मां-बाप के पास वापस अपने गांव लौटने तक के पैसे नहीं बचे थे। वे सोच रहे थे कि किसी तरह टिकट के पैसे का जुगाड़ हो जाए तो वे बस से अपने गांव लौट जाएं। लेकिन इसी बीच सेरदांग हॉस्पिटल के किसी स्टाफ ने अंकल कुआन ची हेंग को फोन कर दिया और वे तुरंत उनकी मदद के लिए आ गए। इसके बाद अंकल और उनके दोस्तों ने उनके गांव जाने का इंतजाम किया और खुद भी उनके साथ गए। उन्होंने पैसे जुटा कर उस बच्चे का अंतिम संस्कार करवाया।

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काफी समय से कर हैं यह काम
अंकल कुआन ची हेंग लंबे समय से यह काम कर रहे हैं। वे धर्म और समुदाय की सीमा से ऊपर उठ कर उन सभी लोगों की मदद करते हैं, जिनके पास अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने के पैसे नहीं होते। अंकल चीन के रहने वाले हैं, लेकिन काफी समय से वे मलेशिया में ही रह रहे हैं। वे हमेशा लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। उनका कहना है कि आप किसी भी कठिन परिस्थिति में हों तो दुखी नहीं हों, उन्हें फोन कर के बताएं। वे जहां तक संभव हो सकेगा, मदद करेंगे। उनका कहना है कि कोई भी जिसके पास अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं हों, उन्हें कॉल कर बता सकता है। वे उसकी मदद करेंगे। 

कैसे शुरू किया अंकल ने यह काम
अंकल कुआन कहते हैं कि उन्होंने देखा है कि गरीब परिवारों को किसी की मौत हो जाने पर कितनी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उनके लिए पैसे की कमी के कारण अंतिम संस्कार की रस्म पूरी करना बहुत कठिन हो जाता है। कई परिवारों को इस परेशानी का सामना करते हुए देखने के बाद अंकल ने यह संकल्प ले लिया कि अब ऐसी हालत में जानकारी मिलने पर वे चाहे जैसे भी हो, लोगों की मदद करेंगे। इसे उन्होंने अपना मिशन बना लिया है। 

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