इस Ghost Ship के सभी क्रू मेंबर्स की हो गई थी मौत, 110 डिग्री टेम्परेचर में भी कांप रहे थे लोग

दुनिया में एक से बढ़ कर एक ऐसी रहस्यमय घटनाएं घटी हैं, जिनके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया। ऐसा ही एक रहस्य है घोस्ट शिप का, जिस पर 1948  में अजीब ही घटना हुई थी।

जकार्ता। साल 1948 में एक शिप पर ऐसी घटना हुई, जिसके रहस्य के बारे में आज तक पता नहीं चल पाया है। फरवरी का महीना था। मौसम में ठंडक थी। सुबह-सुबह एक डच मालवाहक जहाज  एस.एस. ओरांग मेडन इंडोनेशिया के पास मल्लका की खाड़ी से होकर जा रहा था। अचानक जहाज से सहायता के लिए संदेश भेजा गया। यह मैसेज भयावह था। मैसेज को पूरी तरह पढ़ पाना संभव तो नहीं था, पर यह साफ था कि जहाज पर लोगों का जीवन खतरे में है। 

पहले कुछ नहीं समझ पाए लोग
खतरे का यह संदेश आते ही दूसरे जहाज  एस.एस. ओरांग मेडन की तरफ मदद के लिए चल पड़े। संदेश बहुत साफ नहीं होने के कारण उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या। लेकिन जो संकेत मिले थे, उससे साफ था कि क्रू मेंबर में से किसी की मौत हो गई है। कुछ लोग यह भी सोच रहे थे कि कहीं जहाज पर समुद्री डाकुओं ने तो हमला नहीं कर दिया।

Latest Videos

4 घंटे के बाद पहुंचा रेस्क्यू शिप
आखिर 4 घंटे के बाद एक रेस्क्यू शिप एस.एस. ओरांग मेडन तक पहुंचने में कामयाब हो सका। जब रेस्क्यू शिप सिल्वर स्टार से बचावकर्मी ओरांग मेडन पर पहुंचे तो वहां उन्होंने अपने जीवन का सबसे भयानक दृश्य देखा। उन्होंने देखा कि एक भी क्रू मेंबर जिंदा नहीं बचा था। उनकी लाशें वहां बिखरी हुई थीं और उनके चेहरे पर भय दिखाई पड़ रहा था। लेकिन सबसे खास बात यह थी कि किसी के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था। लाशों के चेहरों को देखने पर लगता था कि वे बर्फ में जम गए हों। जबकि सारी लाशें बॉयलर रूम के आसापास पड़ी थीं, जहां का टेम्परेचर 110 डिग्री था। सभी मृतकों के मुंह खुले थे और ऐसा लग रहा था कि वे आसमान में सूरज की तरफ देख रहे हों।

आगे बढ़ने पर मिला मरा हुआ कुत्ता
जब रेस्क्यू टीम के मेंबर आगे बढ़े तो उन्हें शायद वह आदमी दिखा जिसने खतरे का मैसेज भेजा था। लेकिन वह भी मर चुका था और उसका मुंह भी खुला था। उसी के पास एक पालतू कुत्ता भी मरा पड़ा था। जहाज पर एक भी आदमी जिंदा नहीं बचा था।

110 डिग्री टेम्परेचर में कांपने लगे रेस्क्यू टीम के लोग
रेस्क्यू टीम में शामिल लोगों का खून तब जम गया जब वे बॉयलर रूम के पास लाशों के करीब खड़े थे। अचानक वे सब के सब ठंड से कांपने लगे थे, जबकि उस वक्त वहां का टेम्परेचर 110 डिग्री फॉरेनहाइट था। इससे उन लोगों को लगा कि जहाज पर प्रेतात्माएं आ गई हैं। लोगों की मौत की कोई वजह उन्हें समझ में नहीं आ रही थी।

जहाज को कहीं से नहीं पहुंचा था नुकसान
सबसे हैरत की बात तो यह थी कि जहाज को कहीं से कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। जहाज पर सारी चीजें पहले की तरह व्यवस्थित थीं। किसी तरह की तोड़-फोड़ या दुर्घटना के कोई निशान नजर नहीं आए।   

अचानक हुआ विस्फोट और जहाज के उड़ गए चीथड़े
इसके बाद रेस्क्यू टीम निर्णय लिया कि जहाज को किसी दूसरे जहाज के जरिए खींच कर नजदीक के तट पर ले जाया जाए, ताकि इसकी पूरी तरह जांच की जा सके। अभी वे इसकी तैयारी में लगे ही थे कि एक भयानक विस्फोट हुआ और जहाज कुछ देर तक धू-धू कर जलने के बाद समुद्र की अतल गहराइयों में समा गया। इसके साथ ही यह सब एक रहस्य बन कर रह गया। तब से ही इस जहाज को घोस्ट शिप के नाम से जाना जाता है।  

Share this article
click me!

Latest Videos

उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts