कभी-कभी कोई ऐसी बात हो जाती है, जिसकी कल्पना तक इंसान नहीं कर सकता। अमेरिका में ऐसा ही हुआ जब एक कुत्ते को उसकी मालकिन के साथ एक यूनिवर्सिटी ने ग्रैजुएशन की डिग्री दे दी।
हटके डेस्क। कभी-कभी कोई ऐसी बात हो जाती है, जिसकी कल्पना तक इंसान नहीं कर सकता। अमेरिका में ऐसा ही हुआ जब एक कुत्ते को उसकी मालकिन के साथ एक यूनिवर्सिटी ने ग्रैजुएशन की डिग्री दे दी। बता दें कि कुत्ते की मालकिन 25 साल की ब्रिटनी अपंगता की शिकार है। ग्रिफिन नाम का यह कुत्ता अपनी मालकिन ब्रिटनी की काफी मदद करता है। वह उसके हर इशारे को समझता है और जरूरत की हर चीज उस तक पहुंचाता है। ग्रिफिन दरवाजे खोलने से लेकर लाइट ऑन-ऑफ करने का काम भी आसानी से कर देता है। उसने ब्रिटनी की जिंदगी को आसान बनाया है। वह हमेशा ब्रिटनी के साथ ही रहता है।
न्यूयॉर्क के क्लार्कसन यूनिवर्सिटी में पढ़ी ब्रिटनी
ब्रिटनी ने न्यूयॉर्क के क्लार्कसन यूनिवर्सिटी से हाल ही में ऑक्युपेशनल थेरेपी में मास्टर डिग्री का कोर्स पूरा किया है। ब्रिटनी की जिंदगी व्हीलचेयर से बंधी हुई है। ऐसे में, ग्रिफिन उसकी हर तरह से मदद करता है। ब्रिटनी का कहना है कि अपने कुत्ते की वजह से उसकी जिंदगी आसान हो गई है। वह कहती है कि मेरे कई काम उसकी मदद से ही पूरे होते हैं। वह दरवाजे खोलने से लेकर हर जरूरी काम करता है।
यूनिवर्सिटी ने कुत्ते को भी दी डिग्री
यूनिवर्सिटी से मास्टर्स करने के बाद जब डिग्री देने के लिए स्टूडेंट्स को बुलाया गया तो ब्रिटनी अपने 4 साल के डॉगी ग्रिफिनल को भी लेकर वहां गई। पहले भी जब वह पढ़ाई करने के लिए व्हीलचेयर पर यूनिवर्सिटी जाती थी तो ग्रिफिनल उसके साथ रहता था। वहां सभी जानते थे कि यह ब्रिटनी की कितनी मदद करता है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने यह तय किया कि ब्रिटनी को डिग्री देने के साथ ही उसके कुत्ते ग्रिफिनल को भी ऑनरेरी डिग्री दी जाएगी। जब समारोह में सबको डिग्री दी जाने लगी तो ग्रिफिनल को भी बुला कर उसे डिग्री दी गई।
ब्रिटनी के साथ कर चुका है इंटर्नशिप
ब्रिटनी कहती है कि ग्रिफिन को यूनिवर्सिटी वह 'पोज फॉर प्रिजन' प्रोग्राम के लिए लेकर गई थी, जहां काफी संख्या में पालतू कुत्ते आए थे। लेकिन व्हीलचेयर की वजह से वे कुत्ते ग्रिफिन के पास नहीं आ रहे थे। उस प्रोग्राम के दौरान ग्रिफिन इतना खुश हुआ कि वह प्यार से उसके गालों को चाटने लगा और उछलने लगा। ब्रिटनी ने बताया कि समय-समय पर इस डॉगी ने उसे डिप्रेशन से उबरने में काफी मदद की है। उसने कहा कि जब वह नॉर्थ कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग में इंटर्नशिप कर रही थी, तो उसके साथ ग्रिफिन ने भी इंटर्नशिप की और वहां मानसिक समस्याओं से जूझ रहे सैनिकों की की उसने काफी मदद की।