कोरोना के दौरान कंडोम की कमी, कई देशों ने इस दौरान प्रेग्नेंट हुई महिलाओं को दी ये छूट

कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बचाव के लिए ज्यादातर देशों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया है। ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर और हेल्थ मिनिस्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वहां सबसे लंबा लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस दौरान महिलाएं वहां गर्भ-निरोधक नहीं खरीद पाएंगी। इसलिए अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए उन्हें घर पर ही टर्मिनेशन पिल्स का यूज करने की इजाजत दी गई है। 

हटके डेस्क। कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बचाव के लिए ज्यादातर देशों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया है। ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर और हेल्थ मिनिस्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वहां सबसे लंबा लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस दौरान महिलाएं वहां गर्भ-निरोधक नहीं खरीद पाएंगी। इसलिए अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए उन्हें घर पर ही टर्मिनेशन पिल्स का यूज करने की इजाजत दी गई है। महिलाएं प्रेग्नेंसी के 10वें साप्ताह तक इस पिल का यूज कर अबॉर्शन कर सकती हैं। कुछ और देशों में यह नीति अपनाई जा रही है।  

प्रिस्क्रिप्शन के लिए डॉक्टर से करना होगा कन्सल्ट
जो महिलाएं अबॉर्शन के लिए टर्मिनेशन पिल्स का यूज करना चाहेंगी, वे खुद अपनी मर्जी से ये पिल्स नहीं खरीद सकतीं। ब्रिटेन में लॉकडाउन तीन महीने के लिए लागू किया गया है, लेकिन लोग सोशल डिस्टेंसिंग की नीति अक्टूबर तक लागू रहेगी। यह भी संभावना जताई जा रही है कि महिलाएं दो साल तक किसी हॉस्पिटल या क्लिनिक में नहीं जा सकेंगी। जब तक कोरोना वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, लोगों को घरों में ही रहना होगा। लेकिन अबॉर्शन के लिए जो महिलाएं पिल्स का इस्तेमाल करना चाहेंगी, वे फोन या वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं और डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन मिलने पर डाक सेवा के जरिए उन्हें पिल्स भेजे जाएंगे। अबॉर्शन के लिए दो पिल की जरूरत होती है - मिफेपरिस्टोन और मिसोप्रोस्टॉल।

Latest Videos

ब्रिटेन में 44 हजार महिलाओं को अबॉर्शन की जरूरत
इस घोषणा के पहले ब्रिटेन में अबॉर्शन हॉस्पिटल में या किसी ऐसे क्लिनिक में ही किए जा सकते थे, जिसे इसके लिए लाइसेंस हासिल हो। डॉक्टरों को इस बात का सर्टिफिकेट देना जरूरी था कि इससे 1967 के अबॉर्शन एक्ट का उल्लंघन नहीं होता है। लेकिन अब सोशल कैम्पेनर्स का कहना है कि इंग्लैंड और वेल्स में अगले 13 हफ्ते के दौरान 44 हजार महिलाओं को अबॉर्शन के लिए डॉक्टरों के पास जाने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए अगर उन्हें ट्रैवल करने की इजाजत दी जाती है तो इससे सरकार की सोशल डिस्टेंसिंग की नीति फेल हो जाएगी। 

क्या कहना है डिापर्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर का
डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर के एक स्पोक्समैन ने सोमवार की रात कहा कि इस कठिन समय में लोगों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। स्पोक्समैन का कहना था कि हम ऐसी नीति अपना रहे हैं और गाइडलाइन तैयार कर रहे हैं कि जो महिलाएं 10 हफ्ते की प्रेग्नेंसी के दौर से गुजर रही हैं, उन्हें घर पर ही अबॉर्शन के लिए पिल्स उपलब्ध कराए जाएं और इसके लिए वे टेलीफोन और इंटरनेट के जरिए डॉक्टर से सलाह ले सकें। 

प्रो-लाइफ ग्रुप कर रहे हैं इसका विरोध
वहीं, इंग्लैंड के प्रो-लाइफ ग्रुप सरकार की इस नीति का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अबॉर्शन लॉबी इस संकट के समय का अपने फायदे के लिए उपयोग करना चाह रही है, जो ठीक नहीं है। वे कोरोना के संकट का फायदा उठाना चाह रहे हैं। वहीं, ब्रिटिश प्रेग्नेंसी एडवाइजरी सर्विस की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर पेट्रीसिया लोहर ने कहा है कि अभी महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए अपने घरों से बाहर निकल सकतीं और अस्पताल नहीं जा सकतीं। इसलिए उन्हें घर पर ही अबॉर्शन की सुविधा देनी चाहिए। राष्ट्रीय संकट के इस समय में महिलाओं के स्वास्थ्य का ठीक से ध्यान रखना बेहद जरूरी है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah
जमुई में हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे PM Modi फिर ये क्या बजाने लगे? झूमते दिखे लोग । PM Modi Jamui
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde