इस जगह आकर खत्म हो जाता है भारत, बिना लॉकडाउन के भी सुनसान रहती है ये जगह

 भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जो दिखने में काफी खूबसूरत है। लेकिन अपनी खूबसूरती के अलावा ये जगहें कई और कारणों से भी मशहूर है। देश में ऐसी ही एक जगह है धनुषकोडी। इसे भारत का आखिरी छोर कहा जाता है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2020 1:41 PM IST

हटके डेस्क: कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों को लॉकडाउन कर दिया गया है। ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। ऐसे में लॉकडाउन कर लोगों को एक-दूसरे से दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है। भारत में भी कोरोना के कारण लॉकडाउन कर दिया गया है। इस कारण यहां की सड़कें वीरान हो गई हैं। लेकिन इस देश में ऐसी एक जगह है, जहां बिना लॉकडाउन के भी शाम ढलते ही सन्नाटा छा जाता था। 

श्रीलंका से मात्र 18 मील दूर बसा धनुषकोटी गांव को भारत का आखिरी छोर माना जाता है। रामेश्वरम जिले में बसे इस गांव की खूबसूरत तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी शेयर की जाती है। इस जगह को दुनिया के सबसे छोटी जगह में भी शुमार किया जाता है। बालू के टीले पर बनी ये जगह दुनिया की सबसे छोटी जगह में शुमार की जाती है। 

अपनी खूबसूरती के अलावा ये जगह एक और कारण से मशहूर है। इस जगह को भुतहा भी माना जाता है। दिन के उजाले में यहां काफी भीड़ रहा करती है जबकि शाम होते ही यहां सन्नाटा छा जाता है। कहा जाता है कि 1964 में ये जगह भारत की सबसे मशहूर पर्यटन जगहों में से एक थी। जिसके चलते यहां पर यात्रियों को लिए सारी सुविधा थी। यहां रेलवे स्टेशन, चर्च, अस्पताल, होटल जैसी सभी सुविधा थी। लेकिन 1964 में यहां एक भयानक चक्रवात आया। जिसकी वजह से इस जगह पर मौजूद एक पूरी ट्रेन पानी में डूब गई। इस घटना में करीब 100 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई। जिसके बाद से ही ये जगह भूतिया कही जाती है।

इस जगह का धार्मिक महत्व भी है। कहा जाता है कि इस जगह से ही रामसेतु पुल का निर्माण शुरू हुआ था। इसी जगह पर रामजी ने हनुमान को एक पुल बनाने के लिए कहा था। ताकि वह सीता को लेने लंका जा सके। इस महत्व के वजह से एक भी इस जगह पर कई श्री राम के मंदिर मौजूद है।

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