चर्च के पाखंड से 46 लोगों को हुआ कोरोना

कोरोना वायरस से दुनिया के ज्यादातर देश प्रभावित हैं। इस वायरस का कोई टीका अभी तक विकसित नहीं किया जा सका है, लेकिन अंधविश्वास के चलते कई जगहों पर इसके अजीबोगरीब उपचार किए जा रहे हैं।

Manoj Jha | Published : Mar 17, 2020 9:01 AM IST / Updated: Mar 17 2020, 06:24 PM IST

हटके डेस्क। कोरोना वायरस से दुनिया के ज्यादातर देश प्रभावित हैं। इस वायरस का कोई टीका अभी तक विकसित नहीं किया जा सका है, लेकिन अंधविश्वास के चलते कई जगहों पर इसके अजीबोगरीब उपचार किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना, मास्क पहनना, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करना और भीड़भाड़ से बचना ही अभी सबसे जरूरी बताया जा रहा है। लेकिन साउथ कोरिया के जियोंगी प्रोविन्स में रिवर ऑफ ग्रेस कम्युनिटी चर्च में पादरियों ने इससे बचाव के लिए ऐसा तरीका लोगों को बताया कि करीब 46 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। यह अंधविश्वास का नतीजा था। 

नमक का घोल पिलाया गया
इस चर्च में पादरियों ने कहा कि कोरोना वायरस को खत्म करने का उनके पास एक बेहतरीन तरीका है। उन्होंने कहा कि नमक का घोल पीने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हो सकता है। इसके बाद उन्होंने चर्च सर्विस के लिए आए करीब 100 लोगों को नमक का घोल पिला दिया। इससे करीब 46 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। 

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सीसीटीवी फुटेज की हुई जांच
जब यह बात हेल्थ ऑफिसर्स को पता चली तो उन्होंने चर्च के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। इसमें पाया गया कि चर्च में जुटे लोगों को नमक का घोल पिलाया जा रहा है और किसी तरह के सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए गए हैं। बता दें कि साउथ कोरिया में सोमवार को कोरोना के 74 नए मामले सामने आए हैं और कुल संक्रमित लोगों की संख्या 8, 236 हो गई है। गौरतलब है कि एडमिनिस्ट्रेशन ने चर्च के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लोगों के जुटने और प्रेयर करने पर अभी रोक लगा दें, लेकिन कई चर्चों ने प्रशासन की इस बात को नहीं माना।

चर्च के पादरी ने मांगी माफी
जहां कुछ बड़े चर्चों में लोगों के जुटने पर फिलहाल रोक लगी है, वहीं रिवर ऑफ ग्रेस कम्युनिटी चर्च में रविवार को लोग बड़ी संख्या में जुटे और प्रेयर के बाद उन्हें कोरोना से बचाव के लिए नमक का घोल पिलाया गया। जबकि कुछ स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था। बहरहाल, चर्च के पादरी किम ने इसके लिए माफी मांगी है। किम ने कहा है कि जो कुछ हुआ, उसके लिए वे बेहद दुखी हैं और जो लोग इससे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए, उसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। लेकिन लोगों का कहना है कि जिम्मेदारी लेने से क्या होगा, क्योंकि कोरोना का कोई प्रभावी इलाज अभी सामने आया नहीं है। 


 

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