8 साल के बाद भारत में कांगो बुखार ने दस्तक दी है। इस बार ये बीमारी पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान आई है। अभी तक इस बीमारी के कारण राजस्थान में दो लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली: मॉनसून में कई तरह की बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में लेती है। इनमें वायरल से लेकर डेंगू और मलेरिया भी शामिल हैं। लेकिन 2011 के बाद इस साल फिर से भारत में कांगो बुखार ने एंट्री ली है। पिछली बार जब ये बीमारी भारत में फैली थी, तो कुछ लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
इस बार कहा जा रहा है कि ये बीमारी पाकिस्तान के रास्ते भारत के राजस्थान में पहुंची है। अभी तक राजस्थान सरकार ने 134 लोगों के ब्लड सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में जांच के लिए भेजा है। साथ ही अब तक दो लोगों की मौत कांगो की वजह से होने की पुष्टि की जा चुकी है। सरकार ने टीम का गठन कर लोगों में जागरूकता फैलाना शुरू कर दिया है। जो लोगों को इस बीमारी से बचने का तरीका लोगों को बता रहे हैं। साथ ही अब ये गुजरात में भी फैल गया है।
कांगो बुखार जानलेवा है। इसके वायरस पशुओं में पाए जाने वाले पैरासाइट हिमोरल के जरिये इंसानों में फैलती है। ये पैरासाइट जानवरों की बॉडी से चिपके रहते हैं। ऐसे में उन जानवरों से संपर्क में आने वालों को ये बीमारी हो जताई है। वैसे तो ये बुखार ज्यादातर पश्चिम और पूर्वी अफ्रीका में ही पाया जाता है, लेकिन इसने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी खूब कहर बरपाया है। और वहीं से अब इसने भारत में दस्तक दी है।
2011 में भी ये बुखार भारत पहुंचा था। इसके लगभग एक दशक के बाद दुबारा इसने एंट्री मारी है। इस साल इस वायरस के कारण जोधपुर में एक महिला और एक युवक की मौत हुई है। बता दें कि इस वायरस की चपेट में आने वाले 80 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। अगर कोई इंसान इससे पीड़ित व्यक्ति के ब्लड और टिश्यू के संपर्क में आता है, तो उसे भी इन्फेक्शन हो जाता है।
इस बीमारी का सबसे पहला मामला कांगो देश से सामने आया था। इसलिए इसका नाम कांगो फीवर रखा गया है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की पहचान अगर शुरूआती दौर में हो जाए, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। वरना 80 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति की बॉडी से खून आने लगता है। साथ ही कई बॉडी ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं। व्यक्ति की मसल्स में जबरदस्त दर्द होने लगता है।
इसके अलावा मरीज को सिरदर्द, चक्कर, आंखों में जलन और पानी आने की समस्या होने लगती है। बुखार में प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिरने लगते हैं। गले में खराश और पीठ में दर्द की समस्या भी इस बुखार के लक्षण है। इस सीजन में बुखार होते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना ही आपको इससे बचा सकता है।