नोटों से भी फैल रहा है कोरोना वायरस, सरकार ने लिया 84 हजार करोड़ नोट जलाने का फैसला

चीन में कोरोना वायरस का आतंक इतना बढ़ गया है कि वहां की सरकार ने हजारों करोड़ के करंसी नोटों को नष्ट करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि नोटों के जरिए वायरस आसानी से फैल सकता है।
 

Manoj Jha | Published : Feb 17, 2020 7:58 AM IST

हटके डेस्क। चीन में कोरोना वायरस का आतंक इतना बढ़ गया है कि वहां की सरकार ने हजारों करोड़ के करंसी नोटों को नष्ट करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि नोटों के जरिए वायरस आसानी से फैल सकता है। नोट एक हाथ से दूसरे हाथ में लगातार आते-जाते रहते हैं, इसलिए यह चिंता स्वाभाविक है। चीन की सरकार ने तय कर लिया है कि वायरस को फैलने देने से बढ़ने के लिए हर हाल में सभी करंसी नोटों को नष्ट करना होगा। चीन के सेंट्रल बैंक के गुआंगझोऊ ब्रांच के मुख्य प्रबंधक ने कहा है कि बाजार से अब तक आए सारे नोटों को नष्ट कर दिया जाएगा। वहीं, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने भी सभी नोटों को खत्म करने का आदेश जारी कर दिया है।

कितने नोट किए जाएंगे नष्ट
चीन के सेंट्रल बैंक के डिप्टी गवर्नर फैन यिफेयी ने कहा है कि 17 जनवरी से अब तक सेंट्रल बैंक ने 600 बिलियन युआन के नए नोट जारी किए हैं, जिनमें से 4 बिलियन युआन (करीब 28, 581 करोड़ रुपए) सिर्फ वुहान भेजे गए। बता दें कि कोरोना वायरस वुहान से ही फैला है और वहीं इसके सबसे ज्यादा संक्रमित लोग हैं। बाजार से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि वुहान और चीन के दक्षिणी राज्यों में करीब 84,321 करोड़ रुपए मूल्य के नोट भेजे गए हैं। ये सारे नोट नष्ट किए जाएंगे।

जनवरी के बाद भेजे गए नोट किए जाएंगे साफ 
सेंट्रल बैंक का कहना है कि पहले से बाजार में जो नोट सर्कुलेशन में हैं, उन्हें ही नष्ट किया जाएगा। फरवरी में जो नोट बाजार में भेजे गए, वे वापस मंगाए जाएंगे। इसके बाद उन्हें जमा कर अल्ट्रावायलेट किरणों से उनकी सफाई की जाएगी। 14 दिन तक उन नोटों को क्वारंटीन में रखा जाएगा। इसके बाद वायरस की जांच कर सुरक्षित पाए जाने पर उन्हें बाजार में भेजा जाएगा। 

कहीं नोटों का संकट न हो पैदा
इस बीच, वायरस से आतंकित लोगों को नोटों की कमी हो जाने की चिंता ने भी घेर लिया है। लोगों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर नोटों को नष्ट करने से बाजार पर असर पड़ सकता है और उन्हें भी खरीददारी व लेन-देन में दिक्कत हो सकती है। लेकिन बैंक के प्रबंधकों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वे कोई रिस्क नहीं ले सकते। लोगों की सुरक्षा के लिए नोटों को नष्ट करना बेहद जरूरी है। बाद में नए नोट जारी किए जाएंगे।   

 
 

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