कभी यहां रखे जाते थे खूंखार अपराधी, अब है पर्यटकों का स्वर्ग

ब्राजील के इस द्वीप में कभी भयानक अपराधियों को सजा देने के बाद रखा जाता था, लेकिन आज यह पर्यटकों का स्वर्ग कहा जाता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2020 7:35 AM IST

हटके डेस्क। ब्राजील के फर्नांडो डी नोरोन्हा द्वीप में  एक समय भयानक अपराधियों को रखा जाता था, लेकिन आज यह पर्यटकों के लिए स्वर्ग जैसा माना जाता है। यहां पूरी दुनिया से पर्यटक घूमने आते हैं। बता दें कि यहां एक दिन में सिर्फ 420 पर्यटकों को ही आने की इजाजत मिलती है। यह ब्राजील के उत्तर-पूर्वी तट से करीब  350 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां कुल 21 द्वीप हैं, जिनके तीन-चौथाई हिस्से को 1988 में राष्ट्रीय समुद्री वन और अभयारण्य घोषित किया गया था। इन द्वीपों को सबसे पहले पुर्तगाल के समुद्री यात्री फर्नांडो डी नोरोन्हा ने खोजा था, इसलिए उसी के नाम से इन्हें जाना जाता है। मुख्य द्वीप करीब 28 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। 

बदल दिया गया था जेल में
ज्वालामुखीय चट्टानों से बने इन द्वीपों का इस्तेमाल पहले पुर्तगाल की सेना करती थी, लेकिन 1700 ईं. के आसपास इसे जेल में बदल दिया गया था। यहां ब्राजील के सबसे खतरनाक अपराधियों को रखा जाता था। यहां हत्यारों, बलात्कारियों और लुटेरों के साथ ही राजनीतिक कैदियों को भी रखा जाता था। यह एक ऐसी जगह थी, जहां आना-जाना बहुत आसान नहीं था। जिन लोगों को यहां कैद करने के बाद छोड़ दिया जाता था, वे यहीं मर-खप जाते थे। बाहर निकल पाने का उन्हें कोई रास्ता नहीं मिलता था।

यूनेस्को ने घोषित किया वर्ल्ड हेरिटेज
ब्राजील के लेखक गैस्टाओ पेनाल्वा इसे 'फोरा डो मुंडो' कहते थे, जिसका मतलब होता है दुनिया से अलग-थलग। लेकिन अब यह अलग-थलग नहीं है, फिर भी यहां एकांत है। यहां आने पर लगता है मानो यह कोई अलग ही दुनिया हो। यह बेहद खूबसूरत जगह है। फर्नांडो डी नोरोन्हा ही एकमात्र ऐसा द्वीप है, जहां आबादी है। बाकी द्वीपों में कोई नहीं रहता। इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया है। 

1957 में बंद की गई जेल
यह जगह अब पर्यटकों के आने-जाने से काफी प्रसिद्ध हो गई है, पर पहले इसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं थी। यहां की जेल 1957 में बंद कर दी गई, लेकिन यहां रहने वाले सारे कैदी वापस अपने घरों को नहीं लौटे। उन्होंने इस द्वीप को ही अपना घर बना लिया। आज भी उनके वंशज यहां रहते हैं और अलग-अलग तरह के काम-धंधे करते हैं। यहां आने वाले पर्यटक आज भी उस कैदखाने के खंडहरों को देखने जाते हैं, जहां खूंखार कैदियों को रखा जाता था। 


 

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