अभी कोरोना वायरस का कहर जारी ही है कि इंडोनेशिया में एक नई बीमारी फैल गई। इसे न्यू अफ्रीकन स्वाइन फीवर कहा जा रहा है।
हटके डेस्क। अभी कोरोना वायरस का कहर जारी ही है कि इंडोनेशिया में एक नई बीमारी फैल गई। इसे न्यू अफ्रीकन स्वाइन फीवर कहा जा रहा है। इस बीमारी ने एक महामारी का रूप ले लिया है। स्वाइन फ्लू बीमारी कोई नहीं है। हमारे देश में भी यह बीमारी फैल चुकी है। इसका खतरा हमेशा बना रहता है। कहा जाता है कि यह बीमारी सूअरों से फैलती है। सूअरों में स्वाइन फ्ल् के वायरस पाए जाते हैं। अभी तक इस बीमारी का कोई कारगर इलाज सामने नहीं आ पाया है। हर साल इस बीमारी से काफी लोगों की मौत हो जाती है।
इंडोनेशिया के ईस्ट तिमोर में फैली बीमारी
इंडोनेशिया में फैली इस बीमारी को न्यू अफ्रीकन स्वाइन फीवर नाम दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा असर ईस्ट तिमोर रीजन में है। इंडोनेशिया के एग्रीकल्चरल मिनिस्ट्री ने यह जानकारी दी है कि 27 फरवरी तक इस इलाके में करीब 2,825 सूअर मर चुके हैं।
जांच के लिए कई टीमें भेजी गईं
एग्रीकल्चरल मिनिस्ट्री ने कहा है कि उस इलाके में इन्फेक्शन के सोर्स का पता लगाने के लिए और इन्फेक्शन को दूर करने का उपाय करने के लिए विशेषज्ञों की कई टीमें भेजी गई हैं। किसानों से यह भी कहा जा रहा है कि वे बीमार पशुओं को नहीं बेचें और मृत जानवरों के शवों को जमीन में काफी गहरी खुदाई कर दफनाएं। इस बीमारी के फैलने के बाद इंडोनेशिया के लाइवस्टॉक और एनिमल हेल्थ के डायरेक्टर जनरल केटुट डायरमिता ने एक आदेश जारी कर कहा है कि ईस्ट तिमोर में सूअरों के ट्रांसपोर्टेशन में सावधानी बरती जाए। साथ ही, सूअर के मांस और पोर्क प्रोडक्ट्स से लोग अभी परहेज करें।
क्या कहा कनााडा के पोर्क काउंसिल ने
इस बीच, कनाडा के पोर्क काउंसिल ने कहा है कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर बहुत ही संक्रामक बीमारी है, लेकिन यह सूअरों में ही फैलती है। लोगों पर इसका कोई असर नहीं होता। यह बीमारी मृत सूअरों के संपर्क में आने से भी फैलती है। अभी तक इससे बचाव के लिए कोई टीका नहीं बनाया जा सका है। इस बीमारी को पिग प्रोडक्शन के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है।