महिला के सामने जाकर रोने लगा जिराफ, गले पर नजर पड़ते ही कांप गया कलेजा

जंगलों के लगातार कटते चले जाने और शिकारियों द्वारा मारे जाने की वजह से अफ्रीका में एक खास प्रजाति के जिराफों की संख्या लगातार घटती चली जा रही है। 

हटके डेस्क। अभी हाल ही में एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई, जब अफ्रीका के जंगलों में ताइवान की एक मीडिया ग्रुप शूटिंग करने गया था। वहां टीम की एक महिला को एक ऐसा जिराफ मिला, जिसके गले में शिकारियों द्वारा लगाया गया तार फंस गया था। जिराफ दर्द से तड़प रहा था। महिला को सामने पा कर वह जिराफ रोने लगा। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। यह बहुत ही मार्मिक दृश्य था। महिला ने उस जिराफ की तस्वीरें लीं और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। यह पोस्ट वायरल हो गई। फेसबुक पर डाली गई यह पोस्ट 8,000 बार शेयर की गई।

अचानक आ गया कार के सामने
ताइवानी महिला बाई शिनी ने बताया कि जब वे जंगलों से गुजर रहे थे तो जिराफ अचानक उनकी कार के सामने आ गया। उसके गले में तार फंसा हुआ था। शिनी ने बताया कि पहले कभी भी उसने किसी जिराफ की आंखों में आंसू नहीं देखे थे, लेकिन यह जिराफ रो रहा था। उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। महिला ने बताया कि उन लोगों ने उसकी मदद करने की कोशिश की, लेकिन जिराफ के गले में स्टील का तार इस तरह से फंसा हुआ था कि दम घुटने से उसकी मौत हो सकती थी। 

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मदद मांगने कार के सामने आया जिराफ
बाई शिनी ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि वह जिराफ उन लोगों के सामने मदद मांगने के लिए आया था। बाई शिनी का कहना है कि शिकारी जानवरों को फंसा कर उनका शिकार करने के लिए पेड़ों पर स्टील के वायर लगा देते हैं। जब जिराफ पत्तियां खाने के लिए अपनी गर्दन ऊंची करते हैं तो तार में फंस जाते हैं। इससे अक्सर उनकी मौत हो जाती है।

खतरे में है मसाई जिराफ की प्रजाति
अफ्रीका के जंगलों में रहने वाली मसाई जिराफ की प्रजाति खतरे में है। नेशनल जियोग्राफिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 30 सालों में उनकी संख्या में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। शिकारी बड़े पैमाने पर उन्हें निशाना बना रहे हैं। चमड़े, मांस, हड्डियां और यहां तक कि पूंछ के लिए जिराफ का शिकार किया जाता है। इनका व्यापार बड़े पैमाने पर होता है। अफ्रीका के कुछ समुदायों में यह माना जाता है कि जिराफ के बोन मैरो और दिमाग को खाने से एचआईवी और एड्स जैसी बीमारी ठीक हो सकती है।

फॉरेस्ट रेंजर ने बचाई जिराफ की जान
बाई शिनी ने बताया कि यह जिराफ भाग्याशाली था। उसकी जान बच गई। उनकी टीम के लोगों ने तत्काल इस जिराफ के बारे में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को सूचना दी। इसके बाद एक फॉरेस्ट रेंजर आया। उसने सबसे पहले जिराफ को एनेस्थेसिया दिया, ताकि उसके गर्दन में फंसे वायर को निकालने के दौरान उसे दर्द महसूस नहीं हो। इसके बाद उसने जिराफ की गर्दन में फंसे तार के छल्ले को निकाल दिया और उसकी मरहम-पट्टी की। इस तरह से एक जिराफ की जान तो बच गई, लेकिन ना जाने कितने जिराफ शिकारियों के जाल में फंस कर अपनी जान गंवा देते हैं। ताइवानी महिला ने लोगों और प्रशासन के अधिकारियों से अपील की है कि वे खतरे में पड़े इन जानवरों को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाएं। 

 
 

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