कोरोना से लड़ने के लिए यूं टॉर्चर झेल रहे वॉरियर्स, मजबूरी ऐसी कि 8-8 घंटे रोकना पड़ता है पेशाब

Published : Apr 14, 2020, 05:45 PM ISTUpdated : Apr 14, 2020, 05:54 PM IST
कोरोना से लड़ने के लिए यूं टॉर्चर झेल रहे वॉरियर्स, मजबूरी ऐसी कि 8-8 घंटे रोकना पड़ता है पेशाब

सार

कोराना वायरस का संकट पूरी दुनिया झेल रही है, लेकिन डॉक्टर, नर्स और मेडिकल वर्कर्स कई तरह की असुविधाओं को झेलते हुए कोरोना से जूझ रहे हैं और लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं।

हटके डेस्क। कोरोना वायरस का खतरा पूरी दुनिया में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब तक 210 देशों के 19 लाख लोग इससे इन्फेक्टेड हो चुके हैं और 1.19 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के इस संकट के बीच सबसे ज्यादा सैक्रिफाइस अगर कोई कर रहा है, तो वे मेडिकल फील्ड के लोग हैं। डॉक्टर, नर्स और दूसरे मेडिकल वर्कर्स कई तरह की असुविधाओं को झेलते हुए कोरोना से जूझ रहे हैं और लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। ऐसे कितने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हैं जो कई-कई दिनों तक अपने घर नहीं जा पाते और ना ही अपने परिवार के लोगों से मिल पाते हैं। वे फैमिली मेंबर्स से दूरी बनाए रखते हैं, ताकि कहीं उन्हें भी कोरोना का इन्फेक्शन नहीं हो जाए। इस बीच, अपनी ड्यूटी करने के दौरान भी उन्हें कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।

डॉक्टर और नर्स बचते हैं यूरिन करने से
फिलीपीन्स में कोरोना मरीजों का इलाज करने में लगे डॉक्टर, नर्स और दूसरे मेडिकल स्टाफ अपनी 8 घंटे तकी ड्यूटी के दौरान यूरिन करने से बच रहे हैं। इसकी वजह यह है कि अगर वे ड्यूटी के दौरान वॉशरूम का यूज करेंगे तो उन्हें अपना पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) चेंज करना पड़ेगा। यह उनके प्रोटोकॉल में शामिल है। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट सूट पहने रहने के दौरान अगर वे पेशाब करते हैं तो इसके बाद उन्हें दूसरा सूट पहनना होगा। 

दुनिया भर में है PPE की कमी
फिलहाल, पूरी दुनिया पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) की कमी की समस्या का सामना कर रही है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए जितने पीपीई सूट चाहिए, उतने हैं नहीं। इसी समस्या को देखते हुए फिलीपीन जनरल हॉस्पिटल के डॉक्टर और दूसरे मेडिकल स्टाफ 8 घंटे के शिफ्ट के दौरान पेशाब रोक कर रखते हैं, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर उन्हें पीपीई सूट चेंज करना होगा। बता दें कि यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपीन्स के फिलीपीन जनरल हॉस्पिटल में कोरोना के करीब 90 मरीजों का इलाज चल रहा है। 8 घंटे तक पेशाब रोक कर काम करने में उन्हें कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा, इसे समझा जा सकता है।

कोरोना के कितने मामले हैं फिलीपीन्स में
फिलीपीन्स में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 5,223 मामले सामने आ चुके हैं और इससे 335 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में काफी संख्या में भारतीय छात्र भी रहते हैं। फिलहाल, वहां कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा दिया गया है।  

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