प बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी तीसरी बार सत्ता में आई। 2 मई को आए नतीजों में टीएमसी ने 213 सीटें जीतीं। वहीं, भाजपा 77 सीट जीतने में कामयाब हुई। जबकि कांग्रेस-लेफ्ट पार्टियां खाता नहीं खोल सकीं। 294 सीटों वाले प बंगाल में 27 मार्च से 28 अप्रैल तक 8 चरणों में मतदान हुआ था। यहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार थी। वहीं, भाजपा सत्ता में आने की कोशिश में जुटी थी।
नई दिल्ली. प बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी तीसरी बार सत्ता में आई। 2 मई को आए नतीजों में टीएमसी ने 213 सीटें जीतीं। वहीं, भाजपा 77 सीट जीतने में कामयाब हुई। जबकि कांग्रेस-लेफ्ट पार्टियां खाता नहीं खोल सकीं। 294 सीटों वाले प बंगाल में 27 मार्च से 28 अप्रैल तक 8 चरणों में मतदान हुआ था। यहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार थी। वहीं, भाजपा सत्ता में आने की कोशिश में जुटी थी।
कितने प्रत्याशी थे मैदान में?
बंगाल में कुल 294 सीटों पर 2132 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से 986 राष्ट्रीय दलों के, 69 राज्य दलों के जबकि 467 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 608 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे।
एडीआर ने 2130 उम्मीदवारों के शपथपत्र का विश्लेषण किया। इसके मुताबिक, 528 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 431 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले बताए हैं। इस चुनाव में 394 उम्मीदवार करोड़पति हैं।
किन मुद्दों पर हुआ चुनाव?
प बंगाल का चुनाव काफी दिलचस्प रहा। यहां आरोप प्रत्यारोप की राजनीति जमकर हुई। जहां भाजपा ने ममता सरकार पर तोलेबाजी, भ्रष्टाचार, राजनीतिक हिंसा, गुंडाराज, तुष्टीकरण का आरोप लगाया। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यत्र जेपी नड्डा ने खुले तौर पर सरस्वती पूजा, दुर्गा पूजा, सीएए, घुसपैठियों को लेकर ममता सरकार पर निशाना साधा।
वहीं, ममता बनर्जी भी काफी आक्रामक रहीं। उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को गुंडा तक करार दे दिया। ममता बनर्जी ने सीएए, वैक्सीन, कोरोना, जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर भाजपा को घेरने की कोशिश की। ममता ने कहा, बंगाल केंद्र के इशारे पर नहीं चलेगा। बगाल को बंगाल चलाएगा।
प बंगाल : 2016 के नतीजे
प बंगाल में 294 सीटें हैं। यहां 2016 में 6 चरणों में चुनाव हुए थे। ममता की पार्टी ने 293 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से 211 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि भाजपा 291 सीटों पर चुनाव मैदान में थी लेकिन उसे सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनाव लड़ा था। उसने 92 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और 44 सीटें जीतने में सफल रही थी। वहीं, सीपीएम 148 सीटों में से 26 पर जीत हासिल कर पाई थी। वहीं, सीपीआई को 11 सीटों में से एक पर जीत मिली थी।