ममता ने मोदी पर लगाया आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप, कहा- बांग्लादेश में बंगाल पर दे रहे भाषण

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएसी नेता ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। ममता ने कहा कि राज्य में चुनाव हो रहा है और पीएम बांग्लादेश में बंगाल पर भाषण दे रहे हैं। दरअसल, बांग्लादेश दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओरकांडी में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी।

Asianet News Hindi | Published : Mar 27, 2021 10:49 AM IST / Updated: Mar 27 2021, 05:18 PM IST

कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएसी नेता ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। ममता ने कहा कि राज्य में चुनाव हो रहा है और पीएम बांग्लादेश में बंगाल पर भाषण दे रहे हैं। दरअसल, बांग्लादेश दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओरकांडी में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। इससे पहले उन्होंने मतुआ समुदाय के मंदिर के दर्शन भी किए थे और समुदाय के लोगों को संबोधित किया था।

मतुआ समुदाय को संबोधित करते हुए क्या बोले पीएम मोदी?

मतुआ समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'आज श्री श्री हरिशचंद्र ठाकुर जी की कृपा से मुझे ओराकान्डी ठाकुरबाड़ी की इस पुण्यभूमि को प्रणाम करने का सौभाग्य मिला है। मैं श्री श्री हरिशचंद्र ठाकुर जी, श्री श्री गुरुचंद ठाकुर जी के चरणों में शीश झुकाकर नमन करता हूं।' पीएम ने आगे कहा कि 'किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकांडी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहे हैं, जो भारत में रहने वाले 'मतुआ संप्रदाय' के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओरकांडी आकर महसस करते हैं।' 

भारत-बांग्लादेश विकास से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं-पीएम 

पीएम ने आगे कहा कि 'पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहां मेरे मतुआ भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर 'बॉरो-मां' का अपनत्व, मां की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं।' नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि 'भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं। दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम और शांति चाहते हैं। यही मूल्य, यही शिक्षा श्री श्री हॉरिचान्द देव जी ने हमें दी थी।'

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