
तेहरान : परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव के बीच ईरानी नौसेना ने गुरुवार को अमेरिका की ओर जा रहे एक तेल टैंकर को ओमान की खाड़ी में जब्त कर लिया है। इस टैंकर के चालक दल के सभी 24 सदस्य भारतीय हैं। इस बात की जानकारी शिप ओपरेटर ने शुक्रवार को दी। उसे कहा कि वह चालक दल की सुरक्षित रिहाई के लिए काम कर रहे हैं। इस बीच ईरानी टेलीविजन द्वारा एक वीडियो प्रसारित किया गया है। इस फुटेज में नेवी कमांडो को एक हेलीकॉप्टर से एडवांटेज स्वीट के डेक पर उतरते हुए दिखाया गया है।
शिप ओपरेटर का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि चालक दल को कोई खतरा नहीं है। वह चालक दल की रिहाई के लिए अधिकारियों के संपर्क में हैं। ऑपरेटर ने एक बयान में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय विवाद" के कारण मार्शल आइलैंड-फ्लैग वाले जहाज को ईरान की नौसेना द्वारा बंदरगाह पर ले जाया गया है।
ईरान के जहाज से टकराया था टैंकर
ईरान ने कहा कि टैंकर उसके एक जहाज से टकरा गया था, जिससे दो ईरानी चालक दल के सदस्य लापता हो गए और कई अन्य घायल हो गए हैं। ईरान ने आगे कहा कि उसने टैंकर से संपर्क करने की कोशिश की और इसे रोकने के लिए कहा, लेकिन इसने कोई जवाब नहीं दिया, जिससे उसे जब्त कर लिया गया।
अमेरिका ने की शिप की रिहाई की मांग
वहीं, अमेरिकी नौसेना ने ईरान द्वारा खाड़ी में निरंतर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिप की तत्काल रिहाई की मांग की। अमेरिकी नौसेना ने कहा- ईरान की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। ये कदम क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा है। ईरान को तुरंत ही टैंकर को छोड़ देना चाहिए। नेवी ने बताया कि ईरान ने पिछले 2 सालों में ये 5वां कॉमर्शियल पोत जब्त किया है। उनकी तरफ से लगातार जहाजों को जब्त करना और नेविगेशनल अधिकारों में हस्तक्षेप करना समुद्री सुरक्षा और ग्लोबल इकोनॉमी के लिए खतरनाक है।
रिवोल्यूशनरी गार्ड्स पर लगे प्रतिबंध
एडवांटेज टैंकर के प्रवक्ता ने कहा कि जहाज ने कुवैत से तेल लिया था। उसे शेवरॉन कॉर्प द्वारा किराए पर लिया गया था। मरीनट्रैफिक ट्रैकिंग वेबसाइट के अनुसार इसे टेक्सास जाना था। गौरतलब है कि 2018 में अमेरिका का प्रमाणु समझौते से पीछे हटने के बाद से इस तरह घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। समझौते से पीछे हटने के बाद अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। साथ समझौता बहाल करने के सभी प्रयास नाकाम हो गए। ताजा घटना पश्चिमी सरकारों द्वारा ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स पर कड़े प्रतिबंधों के कुछ दिनों बाद हुई है।
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