
लीमा: पेरू में एक सोने की खदान में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यह पिछले दो दशकों में देश की सबसे घातक खनन दुर्घटना बन गई है। आग लगने की वजह शॉर्ट-सर्किट बताई जा रही है। बता दें कि खदान का संचालन यानाक्विहुआ द्वारा किया जाता है, जो एक छोटे पैमाने की फर्म है। हालांकि, कंपनी ने घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की।
सीएनएन ने स्थानीय सरकार के हवाले से बताया शनिवार की सुबह येकेपा के दक्षिणी क्षेत्र में शॉर्ट-सर्किट से आग लग गई। स्थानीय मीडिया ने बताया कि यानाकुइहुआ पुलिस थाने ने इसकी पुष्टि की है कि घटना में 27 लोगों की मौत हुई है।
पेरू के मंत्रिपरिषद मृतकों के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त की
रिपोर्ट के अनुसार, पेरू के मंत्रिपरिषद ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की। पेरू के मंत्रिपरिषद ने ट्वीट किया, “हम उन खनिकों के परिवारों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं, जो अरेक्विपा क्षेत्र में यानाक्विहुआ खदान की शाफ्ट में मारे गए।”
वहीं, पेरू के राष्ट्रपति ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि मंत्रालय शवों को निकालने के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा, पेरू सरकार क्षेत्रीय सरकार और कोंडेसुयोस की नगर पालिका को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। पेरू के प्रेसीडेंसी ने ट्वीट किया, "हम 27 खनिकों की मौत के लिए अरेक्विपा के रिश्तेदारों और लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।
सबसे बड़े सोना उत्पादक है पेरू
गौरतलब है कि पेरू दुनिया का सबसे बड़ा सोना और दूसरा सबसे बड़ा तांबा उत्पादक है। पेरू के ऊर्जा और खान मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यह घटना 2000 के बाद से सबसे घातक खनन दुर्घटना है। 2022 में, देश भर में खनन दुर्घटनाओं में 38 लोग मारे गए थे। वर्ष 2002 पेरू का सबसे घातक साल था, जब विभिन्न खनन दुर्घटनाओं में 73 लोग मारे गए थे।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।