3 साल तालिबान की कैद में रहा, पाकिस्तान की जेल में भी बिताए नर्क जैसे दिन; ऑस्ट्रेलियाई शख्स की आपबीती

तीन साल तक रहने वाले ऑस्ट्रेलिया के व्यक्ति ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका के विशेष बलों और उनके सहकर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने की दर्जनों बार कोशिशें की

Asianet News Hindi | Published : Dec 1, 2019 8:04 AM IST

सिडनी: तालिबान की कैद में तीन साल तक रहने वाले ऑस्ट्रेलिया के व्यक्ति ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका के विशेष बलों और उनके सहकर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने की दर्जनों बार कोशिशें की। तालिबान की कैद से रिहा होने के बाद पहली बार सिडनी में इस बारे में उन्होंने बात की। यहां 50 वर्षीय तिमोथी वीक्स ने कहा कि उन्होंने कभी उम्मीद तो नहीं खोई थी लेकिन इस कैद का उनके जीवन पर उतना प्रभाव पड़ा है, जितना सोचा भी नहीं जा सकता है।

अमेरिकी विश्वविद्यालय में थे प्रोफेसर 

अफगानिस्तान और पाकिस्तान में नर्क जैसे कैदखानों में बंद रहने वाले वीक्स ने कहा कि उनकी यह सजा जैसे ही अचानक शुरू हुई थी, वैसे ही अचानक 1,200 दिन बाद खत्म हो गई। वीक्स और उनके अमेरिकी सहकर्मी केवीन किंग को 20 नवंबर को मुक्त करा लिया गया था। उन्हें तालिबान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान सरकार के बीच हुए समझौते की वजह से रिहा किया गया।

वीक्स और किंग काबुल के अमेरिकी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और अगस्त, 2016 में जब वह विश्वविद्यालय से घर लौट रहे थे, तो उनका अपहरण हो गया।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

Share this article
click me!