
पेइचिंग. चीन में लाखों उइगर और कजाक मुस्लिमों को डिटेंशन कैंपों में रखा गया है। यहां मां-बाप को तो चीन सैनिक डिटेंशन कैंप में डाल रहे हैं वहीं उनके बच्चों को पैरेंट्स से अलग कर बोर्डिंग स्कूलों में भेजा गया है। ये करीब 5 लाख बच्चे हैं जो मां-बाप से अलग कर बोर्डिंग स्कूल भेज दिए गए हैं। वह अपने स्कूल में हमेशा रोतो रहते हैं क्योंकि उन्हें कभी उनके पैरेंट्स से मिलने नहीं दिया जाएगा।
मुस्लिम आबादी के बीच कथित तौर पर कट्टरता को खत्म करने के लिए चीन ने लाखों लोगों को डिटेंशन कैंपों में भेजा है। यहां स्कूलों में बच्चे रोते नजर आते हैं। उसकी टीचर को भी इस बात पर कोई हैरानी नहीं है क्योंकि उसे पता है कि उसे अपने पैरेंट्स से अलग ही रहना होगा। यह स्थिति चीन के शिनजियांग प्रांत की है, जहां लाखों मुस्लिम बच्चों को सरकार ने बोर्डिंग स्कूलों में रखा है।
क्या चीन में मुस्लिम शरणार्थियों को ऐसे टॉर्चर किया जाता है? अलग है वायरल तस्वीरों की सच्चाई
हमेशा रोती रहती है बच्ची
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक बच्ची के पिता का देहांत हो चुका है, जबकि मां को डिटेंशन कैंप में भेजा गया है। हालांकि प्रशासन ने बच्ची को अन्य रिलेटिव्स के पास भेजने की बजाय सरकार की ओर से चलने वाले बोर्डिंग स्कूल में भेजा। चीन के शिनजियांग प्रांत में ऐसे सैकड़ों बोर्डिंग स्कूल खुले हैं, जिनमें मुस्लिम बच्चों को भी रखा जा रहा है।
800 से ज्यादा इलाकों में खुले बोर्डिंग स्कूल
शिनजियांग प्रांत की सरकार की ओर से जारी एक दस्तावेज के मुताबिक सूबे के 800 से ज्यादा इलाकों में एक या दो ऐसे स्कूल खोलने की योजना तैयार की है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि ऐसे स्कूलों को गरीब बच्चों के लिए तैयार किया गया है, जिनके परिजन सुदूर इलाकों में काम करते हैं और उनकी देखभाल नहीं कर सकते। हालांकि 2017 के एक दस्तावेज के मुताबिक सरकार चाहती है कि बच्चों को उनकी फैमिली से दूर रखा जाए ताकि उन पर परिवार का प्रभाव न रहे।
पहले दुष्कर्म, फिर जबरदस्ती अबॉर्शन, चीन में जीते जी मारी जा रही मुस्लिम महिलाएं
चीन में शरणार्थियों के साथ बर्बरता
उइगर मुस्लिमों के साथ चीनी सैनिक बर्बरता की हदें पार कर रहे हैं। यहां इन मुस्लिमों को जातीय एकता और चीनी सभ्यता सिखाने के लिए टॉर्चर सेल में रखा जाता है। वहीं चीनी सैनिकों द्वारा उइगर मुस्लिम महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की खबरें भी आई हैं।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।