जर्मनी के एक आदमी ने लगवाए कोरोना के 217 टीके, इम्यून सिस्टम की हालत देख साइंटिस्ट हैरान

जर्मनी के एक आदमी ने 217 बार कोरोना का टीका लगवा लिया। उसका इम्यून सिस्टम पूरी तरह ठीक है। साइंटिस्ट यह देखकर हैरान हैं।

 

Vivek Kumar | Published : Mar 6, 2024 12:23 PM IST / Updated: Mar 06 2024, 06:04 PM IST

नई दिल्ली। जर्मनी के एक आदमी ने दावा किया है उसने कोरोना के 217 टीके लगवाए हैं। उसके शरीर का इम्यून सिस्टम (बीमारियों से लड़ने की क्षमता) पूरी तरह ठीक है। उसकी यह हालत देख साइंटिस्ट भी हैरान हैं।

अब तक पता नहीं चला है कि उसके इम्यून सिस्टम पर हाइपर वैक्सीनेशन (बहुत अधिक टीका लगाया जाना) पर कैसा असर हुआ है। कुछ वैज्ञानिकों की राय थी कि अधिक टीका लगाने पर इंसान के शरीर को टीके में मौजूद एंटीजन की आदत पड़ जाती है। इससे उसके शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाएं संबंधित एंटीजन के खिलाफ कम एक्टिव होती हैं।

यह केस स्टडी लैंसेट संक्रामक रोग जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि 217 टीके लगवाने वाले आदमी का इम्यून सिस्टम पूरी तरह ठीक से काम कर रहा है। जर्मनी के 6 करोड़ से अधिक लोगों को SARS-CoV-2 का टीका लगा है। इनमें से अधिकतर लोगों को टीका एक से अधिक बार दिया गया है।

217 बार टीका लगवाने का दावा करने वाले व्यक्ति की जांच जर्मनी के फ्रेडरिक-अलेक्जेंडर यूनिवर्सिटी एर्लांगेन-नर्नबर्ग (FAU) की एक टीम ने की। उस व्यक्ति ने दावा किया कि उसने निजी कारणों से 217 टीके लगवाए थे। उसे 134 से अधिक टीके लगाए जाने की आधिकारिक पुष्टि हुई है।

FAU के किलियन शॉबर ने कहा, "हमें अखबार में छपी खबरों से इस मामले के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद हमने उससे संपर्क किया और जांच कराने के लिए बुलाया।"

कैसे काम करता है टीका?

टीका जिस बीमारी से बचाव के लिए बनाया जाता है उसमें संबंधित बीमारी के लिए जिम्मेदार वायरस का एंटीजन डाला जाता है। एंटीजन के चलते जिस व्यक्ति को टीका लगता है उसके शरीर की रोग निरोधी कोशिकाएं उस वायरस को मारने के लिए एंटीबॉडी तैयार करती है। जब अगली बार उस बीमारी के वायरस शरीर में आते हैं तो रोग निरोधी कोशिकाओं को पता होता है कि कौन सी एंटीबॉडी तैयार करनी है। इससे शरीर में फैलने से पहले ही वायरस का सफाया हो जाता है और इंसान बीमार होने से बचता है।

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जर्मनी के इस व्यक्ति के मामले में वैज्ञानिक यह जानना चाहते थे कि अगर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एक खास एंटीजन के बहुत बार संपर्क में आती है तो क्या होता है। किलियन शॉबर ने कहा, “HIV या हेपेटाइटिस बी जैसे पुराने संक्रमण में ऐसा हो सकता है। बार-बार एक ही तरह के एंटीजन शरीर में आने से कुछ प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाएं (जिन्हें टी-कोशिकाएं कहा जाता है) थक जाती हैं। वे उस वायरस के खिलाफ कम एंटीबॉडी तैयार करती हैं, लेकिन जर्मनी के इस आदमी के मामले में ऐसा नहीं हुआ है। उसका इम्यून सिस्टम ठीक से काम कर रहा है।”

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