
काबुल. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की ईमानदारी एक बार फिर कठघरे में है। दावा किया जा रहा है कि वे काबुल से भागते वक्त अपने साथ लाखों डॉलर कैश लेकर गए थे। पहले काबुल स्थित रूसी एम्बेसी ने यह आरोप लगाए थे, अब गनी के पूर्व सिक्योरिटी चीफ ब्रिगेडियर जनरल पीराजअता शरीफी ने भी यही दावा किया है। शरीफी ने ब्रिटिश अखबार ‘द डेली मेल’ को किसी अज्ञात स्थान से एक इंटरव्यू दिया है। इसमें गनी को झूठा करार दिया गया है।
कई बड़े बैग्स में रुपए लेकर भागे थे
पीराजअता शरीफी का मानना है कि गनी भागते समय अपने साथ कई बड़े बैग्स लेकर गए थे। इनमें बड़ी रकम थी, जो उन्होंने अफगानी बैंक से निकाली थी। दावा किया गया है कि इसका उसके पास CCTV फुटेज है। बता देकि ब्रिगेडियर जनरल पीराजअता शरीफी 15 अगस्त को गनी के काबुल से भागते वक्त तक उनके साथ थे। शरीफी ने भी 16 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पहुंचकर देश छोड़ने की नाकाम कोशिश की थी। अब उसके परिवार के 14 लोग तालिबान के डर से यहां-वहां भागते फिर रहे हैं।
शरीफी ने यह किया खुलासा
शरीफी ने बताया कि 15 अगस्त को वो रोज की तरह अपनी ड्यूटी पर राष्ट्रपति भवन पहुंचा था। राष्ट्रपति काबुल की सुरक्षा को लेकर मीटिंग करने वाले थे। इसलिए शरीफी डिफेंस मिनिस्ट्री के ऑफिस पहुंचा। राष्ट्रपति जब भी वहां आते थे, तब वहां ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के हथियार रखवा लिए जाते थे। तभी फोन आया कि गनी एयरपोर्ट चले गए हैं और रक्षा मंत्री भी भाग गए। बता दें कि तालिबान ने शरीफी की गिरफ्तारी पर इनाम का ऐलान किया है। हालांकि अभी तक वो बचा हुआ है।
अमेरिका भी कर रहा है जांच
क्या गनी वाकई पैसे लेकर भागे थे? इसे लेकर अमेरिका भी जांच कर रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि गनी भागते समय हेलिकॉप्टर में कैश भरकर ले गए थे। रकम इतनी ज्यादा थी कि जब हेलिकॉप्टर में नहीं आई, तो ढेर सारी एयरपोर्ट पर ही छोड़ दी गई। अमेरिकी संसद में इस आरोप की जांच की मांग उठी थी। इस पर सांसद और इंस्पेक्टर जनरल फॉर अफगानिस्तान रीकन्स्ट्रक्शन (SIGAR) के चेयरमैन जॉन सोपको ने मामले की जांच कराने की बात कही थी।
गनी ने दी थी सफाई-भगोड़ा नहीं हूं, देश न छोड़ता, तो कत्लेआम होता
18 अगस्त की रात गनी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए सभी आरोपों खंडन किया था। Taliban के डर से अफगानिस्तान छोड़कर अपने परिवार सहित संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि वे भगौड़ा नहीं हैं। अगर वे देश नहीं छोड़ते, तो कत्लेआम होता। उन्होंने अपनी मर्जी से देश नहीं छोड़ा। जो लोग मुझे नहीं जानते, वो अपना फैसला न सुनाएं। क्लिक करके पढ़ें
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