अफगानिस्तान : 5 महीने में हुए 6 बड़े आतंकी हमले, अब तक 181 से ज्यादा लोगों की मौत

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पिछले 5 महीनों के दौरान 6 बड़े धमाके हो चुके हैं, जिनमें अब तक 181 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ताजा हमला सोमवार 12 दिसंबर को एक चीनी होटल शहर-ए-नवा के गेस्ट हाउस पर हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस होटल में कई चीनी नागरिक फंसे हुए हैं।

Blast in Afghanistan: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पिछले 5 महीनों के दौरान 6 बड़े धमाके हो चुके हैं, जिनमें अब तक 181 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ताजा हमला सोमवार 12 दिसंबर को एक चीनी होटल शहर-ए-नवा के गेस्ट हाउस पर हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस होटल में कई चीनी नागरिक फंसे हुए हैं। साथ ही बिल्डिंग में धमाके की आवाज भी सुनी गई है। बता दें कि इस होटल को चीनी होटल इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि यहां चीन के अधिकारी अक्सर ठहरते हैं। 

सोमवार को चीनी होटल पर हुए हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी आतंकी ग्रुप ने नहीं ली है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीन गुपचुप तरीके से अफगानिस्तान की कॉपर माइंस पर कब्जा करना चाहता है। इसी वजह से वहां के कुछ लोकल ग्रुप्स चीन से बेहद नाराज हैं। ऐसे में हो सकता है कि ये हमला उन्हीं की तरफ से किया गया हो। 

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17 अगस्त : 
कहां - काबुल की मस्जिद 
मौतें - 20 

राजधानी काबुल में 17 अगस्त को एक मस्जिद में धमाका हुआ, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी। 40 लोग घायल हुए थे। हमला काबुल के खैरखाना इलाके में 'अबूबकिर सेदिक' मस्जिद में मगरिब की नमाज के दौरान हुआ था। ब्लास्ट में मस्जिद के मौलवी आमिर मोहम्मद काबुली की भी मौत हुई थी। घायलों में 5 बच्चे भी शामिल थे।

2 सितंबर : 
कहां - हेरात की गुजरगाह मस्जिद
मौतें - 14

2 सितंबर को आफगानिस्तान के हेरात प्रांत की गुजरगाह मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद बम विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई थी। 200 लोग घायल हुए थे। धमाके में मस्जिद के इमाम मौलवी मुजीब रहमान अंसारी की मौत भी हो गई थी। अंसारी तालिबान से जुड़े प्रमुख धार्मिक नेताओं में से एक थे। मौलवी मुजीब रहमान अंसारी को तालिबान का करीबी और एक कट्टरपंथी मौलवी माना जाता था। हेरात के गर्वनर ने अपने इस बयान में इसे भी आत्मघाती हमला बताया था। 

6 सितंबर :
कहां - रूसी एम्बेसी 
मौतें - 20 

काबुल के दारुल अमन इलाके में रूसी एम्बेसी के बाहर फिदायीन हमले में 2 रूसी अधिकारियों समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी। ये भी एक आत्मघाती हमला था। धमाके के दौरान कुछ अफगानी नागरिक वीजा बनवाने के लिए रूसी ऐंबेसी के बाहर पहुंचे थे। एम्बेसी में तैनात गार्ड ने बताया था एक संदिग्ध पर फायरिंग के तुरंत बाद उसने खुद को उड़ा दिया।

30 सितंबर : 
कहां - काज कोचिंग सेंटर, काबुल 
मौतें - 20 

काबुल के एजुकेशन इंस्टीट्यूट में शुक्रवार को धमाका हुआ। अफगानिस्तान के एक जर्नलिस्ट बिलाल सरवरी ने 100 स्टूडेंट्स की मौत का दावा किया है। सरवरी के मुताबिक, तालिबान ने हॉस्पिटल के मालिक को धमकी दी है कि वो कोई भी जानकारी मीडिया को लीक न करे।

30 नवंबर : 
कहां - ऐबक (जाहिदिया मदरसा)
मौतें - 27 

अफगानिस्तान के समांगन प्रांत के ऐबक शहर में जाहदिया मदरसे में दोपहर की नमाज के बाद जबर्दस्त बम विस्फोट हुआ। इस धमाके में 9 से 15 साल की उम्र के 27 बच्चों की जान चली गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। 

12 दिसंबर : 
कहां - चीनी होटल (अफगानिस्तान)
मौतें - अभी आंकड़ा स्पष्ट नहीं  

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित चीनी होटल शहर-ए-नवा के पास स्थित एक गेस्ट हाउस में कुछ अज्ञात हमलावर घुस गए और गोलीबारी शुरू कर दी। बिल्डिंग में धमाके की आवाज भी सुनी गई है। बिल्डिंग के उपरी हिस्से में आग की लपटें उठती देखी गईं। होटल के भीतर से गोलीबारी की आवाजें आ रही हैं। हालांकि, अब तक कितने लोग मारे गए, ये आंकड़ा स्पष्ट नहीं है। 

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