Afghanistan Conflict: मिल नहीं रहा इस तस्वीर के बाद दुनियाभर की मीडिया में छाया ये 2 महीने का अफगानी बच्चा

Published : Nov 06, 2021, 09:34 AM ISTUpdated : Nov 06, 2021, 09:36 AM IST
Afghanistan Conflict: मिल नहीं रहा इस तस्वीर के बाद दुनियाभर की मीडिया में छाया ये 2 महीने का अफगानी बच्चा

सार

Afghanistan Conflict: अफगानिस्तान में Taliban के कब्जे के बाद देश छोड़कर अमेरिका पहुंचे एक दम्पति का यह 2 महीने का यह बच्चा लापता है। इसे उसके माता-पिता ने काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना को सौंपा था, ताकि वे सुरक्षित निकल सकें।

न्यूयॉर्क. अफगानिस्तान संघर्ष (Afghanistan Conflict) की इस चौंकाने वाली तस्वीर में दिखाई दे रहा 2 महीने का बच्चा लापता है। 19 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ के बीच मिर्जा अली और उनके बीवी ने अपना बच्चा सोहेल अमेरिकी सेना को सौंपा था। 5 मीटर ऊंची दीवार के दूसरी ओर खड़े अमेरिकी सेना के जवान ने मिर्जा अली से मदद के लिए पूछा था। इस पर मिर्जा अली ने अपना बच्चा जवान को सौंप दिया था, ताकि जब वे एयरपोर्ट पर पहुंच सकें, तो बच्चा मिल जाए। लेकिन बच्चा नहीं मिल सका।

अमेरिका में पहुंचे माता-पिता ने नहीं छोड़ी उम्मीद
15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद अफगानिस्तान में भगदड़ की स्थिति हो गई थी। काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोग देश छोड़ने के लिए खड़े थे। मिर्जा अली भी उनमें से एक थे। भारी भीड़ के बीच बच्चे को चोट से बचाने मिर्जा अली ने अपना बेटा अमेरिकी सेना को सौंपा था। लेकिन जब दम्पति एयरपोर्ट में घुसे, तो उन्हें सोहेल नहीं मिला। मिर्जा अली ने 10 साल तक अमेरिका दूतावास में गार्ड के तौर पर नौकरी की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिर्जा अली ने सोहेल को हर जगह ढूंढा, लेकिन वो नहीं मिला। चूंकि अमेरिकी सेना अंग्रेजी भाषी है, इसलिए मिर्जा अली को बातचीत में दिक्कत हुई। मिर्जा अली 3 दिनों तक अपने बच्चे को ढूंढते रहे। इसके बाद वे निराश होकर अपने 4 बच्चों और बीवी के साथ कतर चले गए। वहां से जर्मनी और फिर अमेरिका पहुंच गए। वे इस समय टेक्सास के फोर्ट ब्लिस में एक अफगानी शरणार्थी कैम्प में रह रहे हैं। मिर्जा अली ने अभी भी अपने बच्चे की उम्मीद नहीं छोड़ी है।

अमेरिकी सरकार भी कर रही मदद
मिर्जी अली ने अपने बच्चे के लिए अमेरिकी सरकार से मदद मांगी है। अमेरिकी सरकार ने बच्चे को खोजने एजेंसियों की मदद ली है। हालांकि अभी तक बच्चे का कुछ भी पता नहीं चल पाया है। बता देंकि तालिबान(Taliban) की सरकार बनने के बाद लोगों की जिंदगी नरक से बदतर हो गई है। उनके पास न रहने को घर है और न रोटी। करीब 3.5 करोड़ लोगों को यह पता नहीं होता कि उनकी आगे की जिंदगी कैसे कटेगी? एक वक्त का भी खाना नसीब होगा कि नहीं। ठंड में अफगानिस्तान के हालात और खराब होने की आशंका है। घर और कपड़े नहीं होने से लोगों बीमार होने लगे हैं। 

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