अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए 2 फिदायीन हमले के बाद अमेरिका ने ISIS-K के खिलाफ युद्ध छेड़ने के संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने तालिबान की मिलीभगत से इनकार किया है।
काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ठीक सामने गुरुवार शाम हुए 2 फिदायीन हमले ने सारी दुनिया को चौंका दिया है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया है इस आतंकवादी हमले में 80 लोग मारे गए हैं। 200 से अधिक घायल हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति बोले-अब हम शिकार करेंगे
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन ISIS के खुरासान ग्रुप ने ली है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल कैनेथ मैकेंजी के मुताबिक, इस हमले में अमेरिका के 12 मरीन कंमाडो की मौत हुई है। 15 घायल हैं। फिलहाल काबुल एयरपोर्ट से तमाम फ्लाइट ऑपरेशंस रोक दिए गए हैं। इस हमले के बाद संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सदमे और नाराजगी भरे लहजे में दो टूक कहा कि इस हमले को वे न भूलेंगे और न भूलने देंगे। आतंकवादी संगठन को इसकी कीमत चुकानी होगी। अब अमेरिका शिकार करेगा। हालांकि बाइडेन ने इस आशंका को खारिज कर दिया कि इस हमले में तालिबान और ISIS की मिलीभगत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान से अफगान सहयोगियों को बाहर निकाले का मिशन जारी रहेगा।
ISIS-K ले चुका है जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन ISIS-K ले चुका है। संगठन ने अपने टेलिग्राफ अकाउंट के जरिये इसकी जिम्मेदारी ली है। इस हमले के बाद अमेरिका ने हवाई अड्डे से दूर रहने का अलर्ट जारी किया है।
2001 से अब तब अफगानिस्तान में 2300 वॉलिंटियर मारे गए
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकेन के अनुसार अफगानिस्तान में 2001 से अब तक 2300 से अधिक अमेरिकी सेवा सदस्य मारे गए हैं। 20 हजार से अधिक जो घायल हुए हैं। वहीं, 8 लाख से अधिक वो अमेरिकी हैं, जिन्होंने लंबे युद्ध में सेवा की है।