तालिबान लड़ाकों ने कहा कि नजिया 15 लोगों के लिए खाना बनाए। लेकिन नजिया ने मना कर दिया। बेटी मनिझा ने सीएनएन को बतााय कि मेरी मां ने उनसे कहा कि मैं बहुत गरीब हूं। मैं आपके लिए खाना कैसे बना सकती हूं।
काबुल. अफगानिस्तान पर कब्जे के दौरान तालिबानी लड़ाके घरों में घुसकर महिलाओं से जबरदस्ती खाना बनाने के लिए कह रहे हैं। अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत फरयाब के एक गांव में 12 जुलाई को तालिबान ने ऐसे ही एक महिला को अपना शिकार बनाया। महिला ने खाना बनाने से मना किया तो बच्चे के सामने ही उसे पीट-पीटकर मार डाला। मामले का खुलासा तब हुआ तब बेटी मनिझा ने सीएनएन को पूरी कहानी बताई।
15 लड़ाकों के लिए खाना बनाने के लिए कहा
तालिबान लड़ाकों ने कहा कि नजिया 15 लोगों के लिए खाना बनाए। लेकिन नजिया ने मना कर दिया। बेटी मनिझा ने सीएनएन को बतााय कि मेरी मां ने उनसे कहा कि मैं बहुत गरीब हूं। मैं आपके लिए खाना कैसे बना सकती हूं।
"खाना बनाने से मना करने पर तालिबान ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। मेरी मां गिर गई और उन्होंने उसे अपनी बंदूकों AK47 से मारा।"
मनीजा रोने लगी, जिस पर तालिबान ने अगले कमरे में एक हैंड ग्रेनेड फेंक दिया। पूरे घर में आग लग गई। इसके बाद वे वहां से चले गए। इधर नजिया की मौत हो गई।
1990 में भी ऐसे ही करता था तालिबान
तालिबान भले ही कह रहा हो कि वह अफगान नागरिकों की सुरक्षा करेगा और उनके अधिकारों की रक्षा करेगा। लेकिन जिस तरह से मीडिया में एक के बाद एक तालिबान की क्रूरता की खबर आ रही है उससे लगता है कि ये नया नहीं बल्कि वही 1990 वाला तालिबान है, जिसके राज में अफगानिस्तान की स्थिति नर्क जैसी हो गई थी।
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