सूत्रों के अनुसार, तालिबान ने दूसरे दिन भी अफगानिस्तान में अपनी सरकार की घोषणा टाल दी है। बताया जा रहा है कि पंजशीर में विद्रोही गुट के साथ चल रही भीषण लड़ाई चल रही है।
काबुल. अफगानिस्तान में तलिबान के कब्जे के बाद अह सरकार के गठन की कवायद चल रही है। इसी बीच तालिबान के खिलाफ राजधानी काबुल में महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। काबुल में महिलाओं के अधिकारों की आवाज उठा रहीं एक्टिविस्ट को तालिबानियों ने आंसू गैस छोड़कर रोकने की कोशिश की है। महिलाएं तलिबान के खिलाफ दो दिन से प्रदर्शन कर रहीं हैं। बताया जा रहा है कि ये महिलाएं तलिबान द्वारा गठित की जाने वाली सरकार में अपनी भागीदारी मांग रही हैं।
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पंजशीर में भी लड़ाई
सूत्रों के अनुसार, तालिबान ने दूसरे दिन भी अफगानिस्तान में अपनी सरकार की घोषणा टाल दी है। बताया जा रहा है कि पंजशीर में विद्रोही गुट के साथ चल रही भीषण लड़ाई के बाद शनिवार को सरकार गठन के फैसले को टाल दिया गया है। तालिबान के बुलावे पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद काबुल पहुंचे हैं। उन्होंने बताया है कि ISI के चीफ तालिबानी हुकूमत में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों के भविष्य पर चर्चा करेंगे।
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पिछले एक हफ्ते से चल रही थी कवायद
तालिबान सरकार के गठन से पहले बाकी व्यवस्थाओं में लगा हुआ था। प्रांतों का चीफ गर्वनरों के हवाले किया गया है। तालिबान पहले ही प्रांतों और जिलों में गवर्नर, पुलिस प्रमुख और पुलिस कमांडरों की नियुक्ति कर चुका है।
कश्मीर के मुद्दे पर भारत ने तालिबान को दिया जवाब
इधर, सरकार के ऐलान से पहले कश्मीर मुद्दे पर बयान देने वाले तालिबान की भारत ने खिंचाई कर दी। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार ने दो टूक कहा कि भारत संविधान का पालन करता है। यहां मस्जिदों में दुआ करने वालों पर गोलियों या बम नहीं बरसाए जाते हैं। लड़कियों को स्कूल जाने से रोका नहीं जाता है। बता दें कि तालिबान ने कहा था कि उसे कश्मीर समेत दुनियाभर के मुसलमानों की आवाज उठाने का हक है।