पुणे में भारत के विशाल मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) समेत एक्स-रे और रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर खगोलविदों ने ‘बिग बैंग’ के बाद से ब्रह्मांड में दिखे सबसे बड़े विस्फोट का पता लगाया है।
मेलबर्न. पुणे में भारत के विशाल मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) समेत एक्स-रे और रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर खगोलविदों ने ‘बिग बैंग’ के बाद से ब्रह्मांड में दिखे सबसे बड़े विस्फोट का पता लगाया है। इस अध्ययन में पाया गया कि विस्फोट ओफियुकस आकाशगंगा समूह में हुआ जो धरती से 39 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इसमें कहा गया कि इस विस्फोट से आकाशगंगा गुच्छ एमएस0735+74 में हुए विस्फोट की तुलना में पांच गुणा ज्यादा ऊर्जा निकली।
एक विस्फोट को पूरा होने में लगे करोड़ों वर्ष
अध्ययन की सह लेखिका और ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी की मेलानी जॉनस्टन होलिट ने कहा, “हम इससे पहले आकाशगंगाओं के मध्य में विस्फोट देखे हैं लेकिन यह वाकई में बहुत जबरदस्त है। और हमें नहीं पता कि यह इतना बड़ा क्यों है।” जॉनस्टन होलिट ने कहा, “लेकिन यह बहुत धीरे-धीरे हुआ - जैसे करोड़ों वर्षों में कोई विस्फोट बेहद धीमी गति से हुआ हो।” अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह विस्फोट इतना भीषण था कि इसने ब्लैक होल के आस-पास बेहद गर्म गैस से बने समूह प्लाज्मा में गढ्ढा कर दिया।
विस्फोट से बने गड्ढे में फिट हो सकती हैं 15 आकाशगंगा
प्रमुख अनुसंधानकर्ता अमेरिका के नेवल रिसर्च लैबोरेटरी की सिमोना गियासिनतुची ने कहा कि यह विस्फोट माउंट सेंट हेलेन्स के 1980 के विस्फोट जैसा है जिसने पहाड़ का ऊपरी हिस्सा तोड़ दिया था। गियासिनतुची ने कहा, “अंतर इतना है कि आप 15 आकाशगंगाओं को इस गढ्ढे में फिट कर सकते हैं जो इस विस्फोट के कारण प्लाज्मा में हुआ है।” जॉनस्टन होलिट ने कहा कि प्लाज्मा समूह में हुए गढ्ढे को पूर्व में एक्स-रे टेलीस्कोप की मदद से देखा गया था। यह अनुसंधान एस्ट्रोफिजिकल पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)