China-Taiwan के बीच बढ़ते तनाव के बीच भगोड़ों की शुरू हुई वापसी, दोनों देश निर्वासितों को वापस करने लगे

दोनों देशों ने 2009 में समझौता किया था कि एक दूसरे देशों के भगोड़ों को वह नियमित तौर पर सौंपते रहेंगे। लेकिन ताइवान सरकार ने बाद में इस समझौते की ओर ध्यान नहीं दिया था।

ताइपे। चीन-ताइवान (China-Taiwan) के बीच बढ़ते तनाव के बीच पहली बार दोनों देश एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। दोनों देश एक दूसरे देशों के भगोड़ों को सौंप रहे हैं। ताइवान अपने यहां रह रहे चीनी नागरिकों को निर्वासित कर वापस भेज रहा है। उधर, चीन ने भी एक ताइवानी भगोड़े को सौंपा था।

दोनों देशों ने 2009 में किया था समझौता

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दोनों देशों ने 2009 में समझौता किया था कि एक दूसरे देशों के भगोड़ों को वह नियमित तौर पर सौंपते रहेंगे। लेकिन ताइवान सरकार ने बाद में इस समझौते की ओर ध्यान नहीं दिया था। समझौते के तहत दोनों पक्षों की पुलिस नियमित रूप से संपर्क करती थी और भगोड़ों (fugitive) को उनके संबंधित क्षेत्रों में लौटा देती रही। लेकिन 2016 में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति (Taiwan President) त्साई इंग-वेन (Tsai Ing-Wen) ने ऐसे समझौतों की ओर बहुत ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से भगोड़ों का निर्वासन बंद हो गया था।

हालांकि, बीजिंग ने दबाव बनाना शुरू कर दिया

ताइवान द्वीप को चीन अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में देखता है। राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के कार्यभार संभालते ही चीन ने ताइवान पर अत्यधिक दबाव बनाना शुरू कर दिया। गुरुवार को ताइपे राष्ट्रीय आव्रजन एजेंसी (National Immigration agency) ने कहा कि ताइवान में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले 21 चीनी नागरिक निर्वासन सूची में थे। बुधवार से शुरू होने वाले चार समूहों में चीनी नागरिकों को बाहर निकालने के लिए निर्धारित किया गया था। लौटने वालों में से एक वह व्यक्ति था जो पिछले मई में एक रबर डोंगी (rubber dinghy) में ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) को पार करने में कामयाब रहा।

कोरोना की वजह से नहीं हो पा रहा था समझौता पालन

ताइवान की सरकार ने कहा कि नवीनतम निर्वासन नवंबर 2020 के बाद पहली बार थे क्योंकि समझौते का पालन कोरोनो वायरस महामारी से बाधित थी।

चीन के संबंधों को संभालने वाली ताइवान की शीर्ष संस्था मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल ने कहा, " यह प्रक्रिया ... दोनों पक्षों के बीच सामान्य और व्यवस्थित आदान-प्रदान के लिए सकारात्मक अर्थ हैं।

निर्वासन की गुरुवार की घोषणा पिछले महीने चीन द्वारा 2009 के समझौते के तहत एक ताइवानी हत्या के संदिग्ध को वापस करने के बाद हुई, जो तब मारा गया था जब ताइवान की तत्कालीन बीजिंग-अनुकूल सरकार थी और दोनों देशों के संबंध घनिष्ठ थे।

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